ममता बोलीं- असम NRC में जिनके नाम नहीं, उन पर दर्ज किए जा रहे हैं फर्जी केस

ममता बोलीं- असम NRC में जिनके नाम नहीं, उन पर दर्ज किए जा रहे हैं फर्जी केस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-14 17:19 GMT
ममता बोलीं- असम NRC में जिनके नाम नहीं, उन पर दर्ज किए जा रहे हैं फर्जी केस
हाईलाइट
  • '1200 लोगों को डिटेंशन कैंप में रखा गया है।'
  • 'असम में जिन लोगों के नाम NRC के फाइनल ड्राफ्ट में नहीं है उन पर फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं।'
  • 'सुरक्षा बलों की 400 कंपनियां असम में तैनात क्यों की गई हैं?'

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) के फाइनल ड्राफ्ट पर बहस अभी भी जारी है। ड्रॉफ्ट को लेकर बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस आमने-सामने है। इस क्रम में ममता बनर्जी ने बीजेपी की केन्द्र और असम की राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि असम में जिन लोगों के नाम NRC के फाइनल ड्राफ्ट में नहीं है उन पर फर्जी केस दर्ज किए जा रहे हैं।

ममता बनर्जी ने कहा है, "NRC लिस्ट में शामिल नहीं होने वाले नागरिकों पर एक्शन शुरू हो गया है। इन लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे कई लोगों के खिलाफ फर्जी केस भी दर्ज किए जा रहे हैं।" ममता ने यह भी कहा कि करीब 1200 लोगों को डिटेंशन कैंप में रखा गया है। उन्होंने असम में सुरक्षाबलों की तैनाती पर भी सवाल उठाए। ममता ने कहा आखिर क्यों सुरक्षा बलों की 400 कंपनियां असम में तैनात की गई हैं?

 


NRC मामले पर मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि यह मामला हिंदू-मुस्लिम का नहीं है। यह नागरिकता आधारित मसला है। उन्होंने कहा, "कई लोगों को महज इसलिए NRC में शामिल नहीं किया गया क्योंकि उनकी भाषा अलग थी। बीजेपी नेता इस भेदभाव वाली NRC प्रकिया को सही बताने के लिए अपनी छाती पीट रहे हैं।"

 


गौरतलब है कि असम के नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) का फाइनल ड्राफ्ट 30 जुलाई को जारी किया गया था। इसमें 3, 29,91,380 लोगों में से 2,89,38, 677 को असम की नागरिकता के लिए योग्य पाया गया था। इस ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए थे। इन 40 लाख लोगों को अवैध भारतीय माना जा रहा है। हालांकि सरकार की ओर से कहा गया है कि जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट में शामिल नहीं किए गए हैं, उन्हें अपने दावे और आपत्तियों के लिए समय दिया गया है। इस मामले पर जमकर सियासी बहस छिड़ी हुई है। संसद के मानसून सत्र में भी इसे लेकर जमकर हंगामा मचा था।

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