मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में बढ़ा मलबा, ISS के लिए भी खतरनाक: नासा

मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में बढ़ा मलबा, ISS के लिए भी खतरनाक: नासा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-02 05:12 GMT
मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में बढ़ा मलबा, ISS के लिए भी खतरनाक: नासा
हाईलाइट
  • इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरा। 
  • भारत के मिशन शक्ति को नासा ने भयानक प्रयोग बताया।
  • मिशन शक्ति से अंतरिक्ष में 400 मलबे के टुकड़े बढ़े। 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण कर भारत अंतरिक्ष में अमेरिका, चीन और रूस के बाद चौथी महाशक्ति तो बन गया है, लेकिन अमेरिकी रक्षा संस्थान नासा ने भारत के इस मिशन को भयानक बताया है। नासा ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, भारत के एंटी सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण की वजह से अंतरिक्ष में मलबों के करीब 400 टुकड़े बढ़ गए हैं, इससे अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।


मिशन शक्ति भयानक प्रयोग- नासा 
अमेरिका के सरकारी रक्षा संस्थान नासा ने भारत के मिशन को बेहद "भयानक" बताते हुए कहा, इसकी वजह से अंतरिक्ष की कक्षा में करीब 400 मलबे के टुकड़े फैल गए हैं। इससे आने वाले दिनों में इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के लिए नया खतरा पैदा हो गया है। नासा के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए नासा प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने ये बातें कही। उन्होंने भारत द्वारा किए गए टेस्ट का जिक्र किया। 

तीन मिनट में पूरा हुआ था ऑपरेशन
आपको बता दें कि, भारत ने पृथ्वी की निचली कक्षा में 300 किलोमीटर की रेंज पर मौजूद एक सैटेलाइट को मार गिराया था। इसकी जानकारी खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए दी थी। पीएम ने बताया था, ऐसा करके भारत ने स्पेस पॉवर के तौर पर खुद को स्थापित किया है। भारत का यह ऐंटी-सैटेलाइट मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी है। पीएम ने कहा था, हमारे वैज्ञानिकों ने लो अर्थ ऑर्बिट में लाइव सैटेलाइट को मार गिराया है। भारत ने यह ऑपरेशन मात्र तीन मिनट में पूरा किया।

नासा प्रमुख ने जताई चिंता
नासा प्रमुख जिम ब्रिडेनस्टाइन ने अपने संबोधन में भारत के मिशन शक्ति ऑपरेशन का जिक्र करते हुए कहा, यह टेस्ट बेहद भयानक है। इसकी वजह से मलबा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से भी ऊपर जा रहा है। इस तरह के कदम से भविष्य में मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल हो जाएगा। नासा के मुताबिक, अंतरिक्ष में मलबों के सभी टुकड़े इतने बड़े नहीं हैं जिन्हें ट्रैक किया जा सके। उन्होंने कहा, हमारी उस पर नजर है। बड़े टुकड़े ट्रैक हो रहे हैं। हम लोग 10 सेंटीमीटर (6 इंच) से बड़े टुकड़ों की बात कर रहे हैं। ऐसे अब तक 60 टुकड़े मिले हैं। उन्होंने कहा, यह टेस्ट ISS समेत कक्षा में मौजूद बाकी सभी सैटलाइट से नीचे किया गया था, लेकिन अब इसके करीब 24 टुकड़े इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन के ऊपर चले गए हैं। 

"भारत के टेस्ट से मलबा अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से ऊपर जा रहा"
नासा चीफ ने कहा, ऐसा काम किया गया जिससे मलबा अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से भी ऊपर जा रहा है। ऐसी गतिविधियों की वजह से भविष्य में मानव को अंतरिक्ष में भेजना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने ये भी बताया कि, यूएस मिलिट्री फिलहाल ऐसे 23 हजार ऑब्जेक्ट पर नजर रखे हुए है जिनका साइज 10 सेंटीमीटर से ज्यादा है। इसमें 10 हजार टुकड़े अंतरिक्ष मलबे के भी हैं। इनमें से तीन हजार सिर्फ चीन द्वारा 2007 में किए गए ऐसे ही प्रयोग की वजह से फैले थे। अब भारत द्वारा टेस्ट करने के बाद मलबे का स्पेस स्टेशन से टकराने के चांस 44 प्रतिशत बढ़ गए हैं। 

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