ऑपरेशन ट्राइडेंट से भारत ने तोड़ी थी पाक की कमर, डुबोए थे 3 जहाज

ऑपरेशन ट्राइडेंट से भारत ने तोड़ी थी पाक की कमर, डुबोए थे 3 जहाज

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-04 04:02 GMT
ऑपरेशन ट्राइडेंट से भारत ने तोड़ी थी पाक की कमर, डुबोए थे 3 जहाज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच वैसे तो कई जमीनी जंग लड़ी गईं, जिसमें दोंनों ही देशों के कई सैनिकों ने अपनी जान पर खेलकर मुल्क के लिए युद्ध किया। 1947 और 1965 के बाद 1971 में ये तीसरा मौका था, जब भारत-पाकिस्तान से जंग लड़ रहा था। ऐसा पहली बार था कि दोनों देशों की नौसेना आमने-सामने थी। इस दिन भारत की जीत के बाद से ही हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है। बता दें कि 4 से 5 दिसंबर के बीच पाकिस्तान को "ऑपरेशन ट्राइडेंट" में जो झटका लगा, शायद वह उसे कभी नहीं भुला पाएगा। नौसेना दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी नेवी के जवानों और उनकी फैमिली को बधाई दी है। 

पहली बार एंटी शिप मिसाइल का इस्तेमाल

इस जंग में पूर्वी पाकिस्तानी के रूप में बांग्लादेश को गंवाना उसके लिए बड़ा झटका था। इस समुद्री जंग में पहली बार एंटी शिप मिसाइल का इस्तेमाल किया गया। 1971 में करांची बंदरगाह पाकिस्तान के लिए बड़ी अहम जगह थी। पाकिस्तान की अर्थ व्यवस्था में यह बंदरगाह खासी अहमियत रखता था। पाकिस्तान नौसेना का पूरा संचालन यहीं से होता था। 1971 के आखिरी दिनों में जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बिगड़े तो भारत ने सूझबूझ का परिचय देते हुए विद्युत मिसाइल बोट तैनात कर दी। इसके बाद जिस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया उसका नाम था "ऑपरेशन ट्राइडेंट"।  

योजना बनाकर किया रात में हमला

दिल्ली स्थित भारतीय नौसेना हेडक्वार्टर और वेस्टर्न नेवल कमांड ने मिलकर एक ऑपरेशन की रचना की। इस ऑपरेशन का मकसद था कराची स्थित पाकिस्तानी नौसेना अड्डे पर हमला करना, जिससे पाकिस्तान की कमर टूट जाए। इस हमले को विद्युत मिसाइल बोट के जरिए अंजाम दिया जाना था। 4 दिसंबर के दिन 460 किलोमीटर दूर इंडियन नेवी ने कराची पर हमले की तैयारी शुरू कर दी थी। चूंकि भारतीय नवसेना जानती थी कि पाकिस्तानी एयरफोर्स रात में कार्रवाई करने में सक्षम नहीं है, इसलिए नेवी ने रात में हमले की योजना बनाई और फिर कमांडर बबरू भान यादव के नेृतत्व में भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान पर धावा बोल दिया। 

पाकिस्तान के 3 पोत किए ध्वस्त

पाकिस्तान जब तक कुछ समझ पाता, इंडियन नेवी ने धावा बोल दिया था। पाकिस्तान को संभलने का मौका भी नहीं मिल पाया। भारतीय नौसेना ने इस कार्रवाई में पाकिस्तान के 3 पोत बर्बाद कर दिए, जो समुद्र की गहराई में कहां समा गए किसी को पता ही नहीं चला। 1 पोत बुरी तरह डैमेज हुआ और बाद में वह भी बेकार हो गया। इस ऑपरेशन में भारत ने कराची हार्बर फ्यूल स्टोरेज को भी भारत ने पूरी तरह तबाह कर दिया। भारत की ओर से इस कार्रवाई के लिए तीन विद्युत क्लास मिसाइल बोट और 2 एंटी सबमरीन कोवर्ट ने जंग में हिस्सा लिया था।

5 सितंबर, 1612 को हुई थी भारतीय नौसेना की शुरुआत

भारतीय जल सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी के लिए भारतीय नौसेना की शुरुआत वैसे तो 5 सितंबर, 1612 को ही हो गई थी। जब ईस्ट इंडिया कंपनी के युद्धपोतों का पहला बेड़ा सूरत बंदरगाह पर पहुंचा था। 1934 में रॉयल इंडियन नेवी की स्थापना हुई, लेकिन हर साल 4 दिसंबर को भारतीय नौसेना दिवस मनाए जाने के पीछे कारण "ऑपरेशन ट्राइडेंट" था। इस समुद्री युद्ध में भारत ने पाकिस्तान पर न केवल जीत हासिल की, बल्कि पूर्वी पाकिस्तान को आजाद कराकर स्वायत्त देश बांग्लादेश का दर्जा भी दिलाया।

बता दें कि कराची तेल डिपो में लगी आग की लपटें उस समय 60 किलोमीटर दूर तक देखीं गईं। कराची तेल डिपो में लगी आग सात दिन और सात रात तक नहीं बुझाई जा सकी थी। हालांकि इस दौरान भारतीय नौसेना का भी आईएनएस खुकरी भी पानी में डूब गया था। 

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