विसनगर दंगा केस में हार्दिक पटेल को 2 साल की सजा, जमानत भी मिली

विसनगर दंगा केस में हार्दिक पटेल को 2 साल की सजा, जमानत भी मिली

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-25 06:40 GMT
विसनगर दंगा केस में हार्दिक पटेल को 2 साल की सजा, जमानत भी मिली
हाईलाइट
  • 2015 में आरक्षण के दौरान हुई हिंसा पर कोर्ट ने सुनाय फैसला।
  • कोर्ट ने 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
  • हार्दिक के साथ ही दो अन्य को भी सुनाई सजा।

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। सेशन कोर्ट ने बुधवार को मेहसाणा दंगा केस में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के साथ ही सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल और एके पटेल को 2-2 साल की सजा सुनाई है। मामले में आरोपी 14 अन्य लोगों को बरी कर दिया गया है। ये सजा 2015 में आरक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में सुनाई गई है। मेहसाणा के विसनगर 23 जुलाई 2015 को पाटीदार आरक्षण आंदोलन के समय भाजपा विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ हुई थी। विसनगर की सभा से ही पाटीदार आंदोलन की शुरुआत हुई थी और मेहसाणा उस समय पाटीदार आंदोलन का गढ़ माना जाता था। कोर्ट ने फरियादी को 10 हजार, भाजपा विधायक को 40 हजार और एक कार मालिक को एक लाख रुपए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है। फैसला विसनगर कोर्ट के जज वीपी अग्रवाल ने सुनाया, जबकि सरकार की तरफ से केस वकील चंदन सिंह राजपूत ने लड़ा है। सभी दोषियों को कोर्ट ने जमानत दे दी है।

 

 

कोर्ट का फैसला आने के बाद हार्दिक पटेल ने किया ट्वीट

हार्दिक ने लिखा कि ""किसी भी मुश्किल को उसके बनाये गए लेवल पर हल नहीं किया जा सकता, उस मुसीबत को उस लेवल से ऊपर उठने पर ही हल किया जा सकता है। इंक़लाब ज़िंदाबाद""

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