ब्रिटेन ने नहीं सुधारा वीजा सिस्टम, पीएम मोदी ने MoU पर साइन करने से किया इनकार

ब्रिटेन ने नहीं सुधारा वीजा सिस्टम, पीएम मोदी ने MoU पर साइन करने से किया इनकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-31 05:57 GMT
ब्रिटेन ने नहीं सुधारा वीजा सिस्टम, पीएम मोदी ने MoU पर साइन करने से किया इनकार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के साथ प्रवासी भारतीयों की घर वापसी से संबधित MoU पर साइन करने से इनकार कर दिया है। इस एमओयू के तहत ब्रिटेन में गैर कानूनी तरीके से रह रहे भारतीयों को वापस भारत भेजने का करार था, लेकिन इसके लिए ब्रिटेन ने भारतीयों को आसानी से वीजा मुहैया कराने से इनकार कर दिया है। इसी वजह से पीएम मोदी ने इस MoU पर हस्ताक्षर नहीं किया। 

 

 

लंदन में भारतीय दूतावास से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने जनवरी में इस MoU को आगे बढ़ाया था,लेकिन अप्रैल में जब पीएम मोदी लंदन पहुंचे तब उन्होंने देखा की वीजा की प्रक्रिया को आसान करने की दिशा में कोई प्रगति नहीं है। ब्रिटेन ने अब तक भारतीयों वीजा देने की प्रकिया को आसान नहीं किया है। 

 

ब्रिटेन, चीन को दे रहा बेहतर वीजा की सुविधा

भारतीय दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि हमें बेहतर वीजा सिस्टम चाहिए। ब्रिटेन अगर चीन को ये सुविधा दे सकता है तो भारतीयों को क्यों नहीं दिया जा सकता। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन, चीन को दो साल का मल्टिपल एंट्री वीजा मुहैया कराता है। भारत को भी ये सुविधा दी जा सकती है। मगर ब्रिटेन ने वीजा की शर्तों को आसान नहीं किया है, जिसके बाद पीएम ने एमओयू पर साइन करने से इनकार कर दिया। 

 

लोगों की पहचान के लिए दी गई समयावधि व्यावहारिक नहीं

साइन न करने कि ये भी वजह बताई जा रही है कि, MoU पर लोगों की पहचान के लिए जो समयावधि दी गई है वो व्यावहारिक नहीं है। MoU के अनुसार, भारतीय अधिकारियों को 70 दिन ब्रिटेन में अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासी की पहचान करनी है। 

 

 

ब्रिटेन में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों को वापस लाने की पहल 

गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि, इमिग्रेशन मिनिस्टर कैरोलीन नोक्स और भारतीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने 11 जनवरी को इस MoU के लिए पहल की थी, जिससे ब्रिटेन में अवैध रूप से रहने वाले भारतीय जल्द स्वदेश लौट सकें।  

 

2017 में ब्रिटेन की पीएम आई थीं भारत

गौरतलब है कि नवंबर 2017 में ब्रिटेन की पीएम "थेरेसा मे" भारत आई थीं। तब उन्होंने पीएम मोदी से कहा था, यूके वीजा देने की प्रक्रिया को आसान करेगा और छोटी-छोटी वजहों से वीजा को रद्द नहीं किया जाएगा, अगर ब्रिटेन में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों की स्वदेश वापसी में तेजी आती है। लेकिन अब यूके इन समझौतों से पीछे हट रहा है। भारतीयों को छोटे समय के लिए वीजा नहीं दिए जा रहे। 
 

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