SC के चीफ जस्टिस चेलमेश्वर ने ठुकराया अपना फेयरवेल इनविटेशन, निजी कारणों का दिया हवाला

SC के चीफ जस्टिस चेलमेश्वर ने ठुकराया अपना फेयरवेल इनविटेशन, निजी कारणों का दिया हवाला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-05-09 15:48 GMT
SC के चीफ जस्टिस चेलमेश्वर ने ठुकराया अपना फेयरवेल इनविटेशन, निजी कारणों का दिया हवाला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने अपना फेयरवेल इनविटेशन ठुकरा दिया है। इनविटेशन ठुकराने के बाद सवाल उठ रहे हैं क्या चीफ जस्टिस नाराज हैं? आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सवाल खड़े करने वाले 4 वरिष्ठ जजों में चेलमेश्वर भी शामिल थे। जस्टिस जे. चेलमेश्वर इस साल 22 जून को रिटायर हो रहे हैं।

जस्टिस ने नीजि कारणों का दिया हवाला
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि बार बॉडी ने जस्टिस चेलमेश्वर से बीते सप्ताह मिलकर 18 मई को होने वाले फेयरवेल के लिए उन्हें आमंत्रित किया था लेकिन उन्होंने इस आमंत्रण को ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि बार असोसिएशन के सदस्यों ने एक बार फिर जस्टिस चेलमेश्वर से मिलकर उन्हें फेयरवेल फंक्शन में शामिल होने के लिए राजी करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने निजी कारणों के चलते इस कार्यक्रम में शामिल न हो पाने की बात कही। जस्टिस ने बार एसोसिएशन के सदस्यों को ये भी बताया कि उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट से दूसरे हाई कोर्ट जाने के वक्त भी उन्होंने फेयरवेल का आमंत्रण स्वीकार नहीं किया था। 

4 जजों ने की थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
बता दें कि देश के इतिहास में पहली बार शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने संबोधित किया था। इस दौरान जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा था कि "सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरीके से काम नहीं कर रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।" उन्होंने कहा था कि इस बात की शिकायत उन्होंने चीफ जस्टिस के सामने भी की थी, लेकिन उन्होंने बात को नहीं मानी। 

कल कोई न कहे कि हमने अपनी आत्मा बेच दी
जस्टिस चेलामेश्वर ने कहा था कि "सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन सही काम नहीं कर रहा है। हम चीफ जस्टिस को ये बात समझाने में नाकाम रहे हैं। पिछले 2 महीनों से जो हालात चल रहे हैं, उसकी वजह से हमें मजबूरन प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है। हम नहीं चाहते कि 20 साल बाद कोई बोले कि जस्टिस चेलामेश्वर, गोगोई, लोकुर और कुरियन जोसेफ ने अपनी आत्मा बेच दी और सविंधान के मुताबिक सही फैसले नहीं दिए।" उन्होंने कहा था कि देश में बहुत से समझदार लोग समझदार बातें कह रहे हैं, लेकिन हम नहीं चाहते कि कोई हमारे बारे में ऐसी बातें कहे। 

Similar News