तेजाब कांड : पटना हाई कोर्ट ने बरकरार रखी शहाबुद्दीन की उम्रकैद

तेजाब कांड : पटना हाई कोर्ट ने बरकरार रखी शहाबुद्दीन की उम्रकैद

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-30 13:11 GMT
तेजाब कांड : पटना हाई कोर्ट ने बरकरार रखी शहाबुद्दीन की उम्रकैद

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में सीवान जिले के बहुचर्चित तेजाब कांड में बुधवार को पटना हाई कोर्ट ने आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। उल्लेखनीय है कि सीवान के बाहुबली राजद नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन इसी मामले में फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। शहाबुद्दीन को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को चुनौती देते हुए शहाबुद्दीन के वकील ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाज खटखटाया था।

तेजाब कांड में सीवान की स्पेशल कोर्ट शहाबुद्दीन को दो साल पहले ही सजा सुना चुकी है। सीवान की एक अदालत ने इस मामले में 11 दिसंबर, 2015 को दो भाइयों की तेजाब डालकर हत्या कर देने के मामले में शहाबुद्दीन सहित चार लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

गौरतलब है कि 16 अगस्त, 2004 को सीवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण किया गया था। गिरीश और सतीश की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी, जबकि राजीव उनके चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहा था। इस मामले में गिरीश की मां कलावती देवी के बयान पर मामला दर्ज किया गया था।

तेजाब कांड पर एक नजर
13 साल पहले बिहार के सीवान के कारोबारी चंदा बाबू जमीन विवाद के निपटारे के लिए पंचायत में थे। पंचायत में ही कुछ लोगों ने उन्हें मारने की धमकी दी। पंचायत में उनके साथ मारपीट भी हुई। विवाद बढ़ा तो चंदा बाबू अपने घर आ गए। बदमाशों ने घर तक उनका पीछा किया जब चंदा बाबू घर पहुंचे तो उन्होंने खुद अपने परिवार की जान बचाने के लिए तेजाब का सहारा लिया। 

इस घटना के प्रतिक्रिया स्वरूप उसी दिन व्यवसाई के दो पुत्रों गिरीश (24) और सतीश (18) का अपहरण हो गया और तेजाब से नहलाकर हत्या कर दी गई। इस मामले में अपहृतों की मां कलावती देवी के बयान पर दो नामजदों नागेंद्र तिवारी और मदन शर्मा के साथ चार-पांच अज्ञातों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 

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