कांग्रेस की बैठक में नोटबंदी से लेकर कश्मीर मुद्दे पर यह बोलीं सोनिया

कांग्रेस की बैठक में नोटबंदी से लेकर कश्मीर मुद्दे पर यह बोलीं सोनिया

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-06 11:26 GMT
कांग्रेस की बैठक में नोटबंदी से लेकर कश्मीर मुद्दे पर यह बोलीं सोनिया

एजेंसी, नई दिल्ली. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की नई दिल्ली में आज मंगलवार बैठक हुई. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष ने जम्मू कश्मीर में जारी हिंसा को लेकर सरकार पर कड़ा हमला किया. उन्होंने कहा कि सरकार वहां अपने दायित्वों का निर्वहन करने में असफल रही है. सीमा पार से घुसपैठ बढ़ रही है. बड़ी संख्या में जवान और युवा मारे जा रहे हैं और घायल हो रहे हैं. वहां विभाजनकारी एजेंडा चल रहा है जिसने वहां की प्रगति और सौहार्द को उजाड़ दिया है.

जम्मू कश्मीर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए सरकार से जरूरी कदम उठाने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि कहा कि कांग्रेस भी इस दिशा में अपने स्तर पर प्रयास कर रही है. पार्टी ने डॉ सिंह के नेतृत्व में कश्मीर संकट के समाधान को तलाशने के लिए एक समूह बनाया है.

सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश तथा उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार को सीख लेने वाला बताया लेकिन कहा कि पंजाब में पार्टी ने अपने प्रभावशाली नेतृत्व के बल पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार को शिकस्त दी है. उनका कहना था कि इसी दौरान हुए चुनाव में गोवा तथा मणिपुर में जिस तरह से कांग्रेस के हाथ से सत्ता छीनी गयी है उससे साफ हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से सत्ता हथियाने के लिए उत्तराखंड तथा अरुणाचल प्रदेश की तरह सत्ता और बाहुबल का इस्तेमाल करती रहेगी. उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं होने देना है.

नोटबंदी पर कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि अपनी बड़ी सफलता का प्रदर्शन करने के लिए यह सरकार नोटबंदी की नीति लेकर आयी लेकिन इससे देश को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है. सरकार अब तक यह बताने की स्थिति में नहीं है कि नोटबंदी के बाद पुराने नोट कितना बैंकों में लौटे हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि रिजर्व बैंक नोट गिनना भूल गया है बल्कि इससे पता चलता है कि नोटबंदी की योजना कितनी विनाशकारी थी.

उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के हाल के आंकड़ों से साफ हो गया है कि नोटबंदी के कारण अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के बारे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने जो अनुमान लगाया, वह सही था. सिर्फ नोटबंदी का ही मामला नहीं है और भी कई मोर्चों पर यह सरकार असफल साबित हुई है. सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ का नारा दिया लेकिन वह भी निवेश बढ़ाने में असफल रहा. बेरोजगारी बढ़ी है. देशभर में किसान परेशान हैं और आत्महत्या करने काे मजबूर हो रहे हैं.

मोदी सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करके लोगों की आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के स्वर में जो स्वर नहीं मिलाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. उसे डराया और धमकाया जाता है और भय का माहैाल पैदा किया जाता है. उनका कहना था कि सरकार का यह रुख राजनीतिज्ञों, संस्थानों, छात्रों, नागरिक संगठनों और मीडिया पर देखने को मिला है.

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