रोडरेज केस: नवजोत सिंह सिदधू पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

रोडरेज केस: नवजोत सिंह सिदधू पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-18 12:46 GMT
रोडरेज केस: नवजोत सिंह सिदधू पर कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिदधू के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया है। नवजोत सिंह सिदधू 1988 के रोडरेज केस में आरोपी हैं। सिदधू के वकील आरएस चीमा ने बहस करते हुए कहा कि उनके मुवक्किल का गुरनाम सिंह की मौत से कोई लेना देना नही है। इस केस में सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज जस्टिस चेमलेश्वर और जस्टिस संजय किशन कौल की खंडपीठ सुनवाई कर रही है।

पंजाब सरकार की तरफ से 12 अप्रैल को अपना पक्ष रखते हुए वकील संग्राम सिंह सरोन ने कहा कि सिद्धू इस मामले में अपने को पूरी तरह से बेकसूर बता रहे हैं। सिदधू द्वारा दिया गया बयान पूर्णतया गलत है। विपक्षी वकील के तर्क रखने के बाद सिद्धू ने कहा की गुरनाम सिंह की मौत दिल की बीमारी से हुई है। उन पर लगे आरोप मेडिकल रिपोट्स के मुताबिक गलत हैं। सिदधू ने आगे कहा कि वो कोर्ट के हर फैसले को मानने को तैयार है।

गौरतलब है कि 27 दिसंबर,1988 में रोडरेज का मामला प्रकाश में आया था। सिदधू पर आरोप है कि पटियाला उन्होंने पंजाब में 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से सड़क पर मारपीट की थी। बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए पटियाला सेशन्स कोर्ट ने सन् 1999 में सिदधू और अन्य रुपिन्दर सिंह संधू को सबूतों के अभाव में छोड़ दिया था। लेकिन पीड़ित पक्ष ने फैसले के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी दी थी। कोर्ट ने  नवजोत सिंह सिदधू को दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 304 के तहत तीन साल की सजा सुनाई। बाद में पीड़ित पक्ष ने सजा को और अधिक बढ़वाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

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