तीन तलाक पर रास में हंगामा, अब सरकार के पास आखिरी मौका

तीन तलाक पर रास में हंगामा, अब सरकार के पास आखिरी मौका

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-04 03:43 GMT
तीन तलाक पर रास में हंगामा, अब सरकार के पास आखिरी मौका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बहुचर्चित तीन तलाक पर राज्य सभा में आज भी हंगामे के कारण बिल पास नहीं हो पाया। विपक्ष के भारी हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। अब सरकार के पास कल आखिरी मौका है इस बिल को पास कराने का। क्योंकि 5 जनवरी को शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है। उधर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और सपा के नरेश अग्रवाल ने बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की। वहीं सरकार इस बिल को संसदीय समिति में भेजने से इनकार कर रही है। 

सपा के नरेश अग्रवाल ने सभापति से कहा कि वह बिल को सेलेक्ट कमेटी के लिए भेजने का प्रस्ताव मंजूर करें ताकि पूरे सदन की राय पता चले। जबकि गुलाम नबी आजाद ने कहा, "जो बिल लाया गया है, हम सब उसके खिलाफ हैं। अगर ये बिल मुस्लिम महिलाओं के नाम पर लाया गया है, पर इसमें जो प्रावधान हैं वे मुस्लिम महिलाओं को खत्म करने के लिए लाए गए हैं। उनके पति को जेल में डाल कर, जब तक पति जेल में रहेगा उसका खर्चा कौन देखेगा, उसे कौन खिलाएगा। सरकार ऐसा प्रावधान लाए, सरकार खर्चा देगी, ऐसा प्रावधान देगी।"

जवाब में सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा कि लाए गए दोनों प्रस्ताव वैध नहीं है। इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया।

जेटली ने कहा, "जो प्रस्ताव आए वो 24 घंटे पहले आने चाहिए थे, नहीं आए। पहली आपत्ति है कि रिजल्यूशन कहता है कि हम नाम देंगे और बाकी के नाम ले लिए जाएंगे। सेलेक्ट कमेटी एक होनी चाहिए जो हाउस के कैरेक्टर को प्रजेंट करे। दोनों प्रस्ताव हाउस के कैरेक्टर को रिप्रजेंट नहीं करते।"


सिलेक्ट कमेटी भेजने की मांग

जिस तरह ट्रिपल तलाक बिल में संशोधन को लेकर विपक्ष बुधवार को राज्यसभा में एकजुट दिखा उससे लगता है कि इस सत्र में तो इसका पास होना मुश्किल है। राज्यसभा में सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ बिल को पेश करने के बाद विपक्ष के हंगामे के चलते चर्चा नहीं हो सकी। विपक्ष बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग पर अड़ गया है।


सिलेक्ट कमेटी में 17 नाम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने सिलेक्ट कमेटी के लिए उपसभापति को विपक्षी पार्टियों के नाम भी दिए। इसमें तीन कांग्रेस नेता के नाम थे। उन्होंने कहा कि सरकार भी अपने सदस्यों के नाम सुझाए। ये सेलेक्ट कमेटी बजट सत्र के दौरान सुझाव सौंपेगी। आनंद शर्मा ने सेलेक्ट कमेटी के सदस्यों की लिस्ट में 17 राज्यसभा सांसदों के नाम का प्रस्ताव दिया। जिसमें कांग्रेस की रेणुका चौधरी, के रहमान खान, सीपीआई के डी राजा, आरजेडी की मीसा भारती, एनसीपी के माजीद मेमन, एआईटीसी के डेरेक ओ ब्रायन जैसे नाम शामिल हैं।

 

अचानक आया संशोधन

कांग्रेस ने लोकसभा में इस बिल के पक्ष में प्रस्ताव रखा था लेकिन राज्यसभा में उसने पूरे विपक्ष को एकजुट कर इस बिल में 2 संशोधन का प्रस्‍ताव रख दिया, जिस पर सत्तापक्ष ने आपत्ति जताई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अचानक आए इस संशोधन प्रस्ताव पर कहा कि वह इस बात से काफी हैरान हैं कि प्रस्ताव अचानक पेश किया गया, नियमानुसार कम से कम एक दिन पहले संशोधन प्रस्ताव पेश किया जाना चाहिए था। इस पर हंगामा बढ़ा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।  

 

लोकसभा में आसानी से पास

बीते गुरुवार को तीन तलाक को अपराध करार देने वाले इस विधेयक को लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पेश किया था, जिस पर दिन भर चली बहस के बाद वोटिंग हुई और शाम को इसे पास कर दिया गया था। AIMIM के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इसमें तीन संसोधन की मांग रखी थी, ओवैसी का प्रस्ताव 2 वोटों के मुकाबले 241 मतों के भारी अंतर से खारिज कर दिया गया, जबकि 4 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तीन तलाक बिल के पास होने की घोषणा की। ओवैसी के अलावा बीजेडी के भर्तुहरी माहताब, कांग्रेस की सुष्मिता देव और सीपीआईएम के ए संपथ ने फभी संशोधन प्रस्ताव पेश किया था। ये सारे संशोधन प्रस्ताव बहुमत से खारिज कर दिए गए थे।

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