लोकसभा में आज पेश किया जाएगा ट्रिपल तलाक बिल, BJP ने जारी किया व्हिप

लोकसभा में आज पेश किया जाएगा ट्रिपल तलाक बिल, BJP ने जारी किया व्हिप

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-24 19:26 GMT
हाईलाइट
  • बीजेपी ने इसको लेकर अपने सांसदों को 3 लाइन का व्हिप भी जारी कर दिया है
  • लोकसभा में आज ट्रिपल तलाक की प्रथा पर रोक लगाने वाले बिल को पेश किया जाएगा
  • विधेयक दोनों सदनों में पारित हो जाता है तो ये अध्यादेश का स्थान लेगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में गुरुवार को एक बार में तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने वाले बिल को पेश किया जाएगा। बीजेपी ने इसको लेकर अपने सांसदों को 3 लाइन का व्हिप भी जारी कर दिया है। अगर ये विधेयक दोनों सदनों में पारित हो जाता है तो फिर इस वर्ष की शुरुआत में जारी अध्यादेश का ये स्थान लेगा। सरकार का कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है।

मई महीने में 16वीं लोकसभा को भंग करने के साथ ही विवादास्पद बिल लैप्स हो गया था क्योंकि इसे राज्यसभा में पारित नहीं किया जा सका था। वे बिल जो राज्यसभा में पेश किए गए हैं और वहां लंबित हैं, लोकसभा के भंग होने के साथ लैप्स नहीं होते हैं। हालांकि, जो बिल लोकसभा से पारित हो गए और राज्यसभा में लंबित रहे, वो लैप्स हो जाते हैं। विपक्ष राज्यसभा में विधेयक के प्रावधानों का विरोध कर रहा था, जहां सरकार के पास इसके पारित होने को सुनिश्चित करने के लिए संख्या की कमी थी।

मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक में तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा को दंडनीय अपराध बनाया गया है। इस प्रथा से पत्नी को तलाक देने पर पति को जेल के प्रावधान का विपक्षी दल लगातार विरोध कर रहे हैं। लोकसभा में बिल पास हो जाने के बाद राज्यसभा से अटकने से सरकार दो बार ट्रिपल तालक पर अध्यादेश लेकर आई थी। सितंबर 2018 में लाए गए अध्यादेश को परिवर्तित करने के लिए एक विधेयक को दिसंबर में लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी और यह राज्य सभा में लंबित था।

लोकसभा में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन समेत कई विपक्षी दल तीन तलाक पर बने कानून का विरोध करते आ रहे हैं।इससे पहले लोकसभा में बिल पेश होने के दौरान कांग्रेस शशि थरूर ने कहा था कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं को कोई लाभ नहीं पहुंचाएगा, उन्होंने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा के बजाय, विधेयक मुस्लिम पुरुषों का अपराधीकरण करता है।

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