जाने क्यों कहा जाता इन्हें 'पंजाब केसरी', जानें उनके बारे में यह 7 रोचक तथ्य

लाला लाजपत राय जाने क्यों कहा जाता इन्हें 'पंजाब केसरी', जानें उनके बारे में यह 7 रोचक तथ्य

Neha Kumari
Update: 2021-11-17 07:29 GMT
जाने क्यों कहा जाता इन्हें 'पंजाब केसरी', जानें उनके बारे में यह 7 रोचक तथ्य
हाईलाइट
  • पंजाब नेशनल बैंक का गठन
  • राय लॉ के छात्र थे
  • लाला लाजपत राय को क्यों कहाते थे 'पंजाब केसरी'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लाला लाजपत राय भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। उनका जन्म वर्ष 1865 में भारत में हुआ था और उन्हें प्यार से पंजाब केसरी कहा जाता था। कहा जाता है जब भी वो बोलते थे तो उनकी आवाज केसरी के जैसे गूंजती थी। केसरी की दहाड़ से जंगल के जानवर डर जाते हैं, ठीक उसी तरह लाला लाजपत राय की आवाज से अंग्रेज सरकार कांप उठती थी। एक लेखक और राजनीतिज्ञ, राय भी लाल-बाल-पाल तिकड़ी का हिस्सा थे।

राय ने पंजाब नेशनल बैंक के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लाहौर में पढ़ने से लेकर भारत में राष्ट्रवाद के स्तंभ होने तक, राय ने कई महत्वपूर्ण काम किए। लाला लाजपत राय ने 17 नवंबर, 1928 को अंतिम सांस ली, इस दिन पूरा देश उन्हें उनकी पुण्यतिथि पर याद करता है। जानें उनके बारे में यह 7 रोचक तथ्य।

-    लाला लाजपत राय प्रथम विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में रहे, जहाँ उन्होंने इंडियन होम रूल लीग ऑफ़ अमेरिका की स्थापना की।
-    राय लॉ के छात्र थे और बाद में, उन्होंने हिसार में इसका अभ्यास किया।
-    लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल ने लाल-बाल-पाल तिकड़ी का गठन किया और स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा दिया था.
-    1928 में, उन्होंने संवैधानिक सुधार पर ब्रिटिश साइमन कमीशन के बहिष्कार के लिए विधान सभा प्रस्ताव पेश किया था।
-    हिसार, हरियाणा में राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय का नाम क्रांतिकारी के नाम पर रखा गया है।
-    राय एक लेखक के तौर पर भी सामने आएं उन्होंने कई किताबें भी लिखीं। उनकी कुछ कृतियों में शामिल हैं - द स्टोरी ऑफ़ माई डिपोर्टेशन, यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ अमेरिका: ए हिंदूज़ इम्प्रेशन, इंग्लैंड्स डेट टू इंडिया।
-    राय की पुण्यतिथि पर ओडिशा के लोगों ने इसे शहीद दिवस के तौर पर मनाया। 
 

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