बीजेपी ने ढूंढ लिया करहल सीट का हल, चुनावी मैदान में उतरकर केंद्रीय मंत्री ने सपा को छुटाया पसीना

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 सपा के गढ़ में बीजेपी की चाल बीजेपी ने ढूंढ लिया करहल सीट का हल, चुनावी मैदान में उतरकर केंद्रीय मंत्री ने सपा को छुटाया पसीना

ANAND VANI
Update: 2022-02-16 07:11 GMT
बीजेपी ने ढूंढ लिया करहल सीट का हल, चुनावी मैदान में उतरकर केंद्रीय मंत्री ने सपा को छुटाया पसीना
हाईलाइट
  • करहल से जुड़ने जा रहा है एक और इतिहास

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश के तीसरे चरण के साथ साथ पूरे यूपी की सबसे चर्चित हॉट सीट करहल को माना जा रहा है। मैनपुरी के सैफई के पास वाली करहल विधानसभा सीट से इस बार खुद सपा मुखिया अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा  चुनावी मैदान में हैं। सीट के साथ सूबे के लिए खास बनी  इस सीट की चर्चा इसलिए जोरों पर है यदि सपा चीफ करहल सीट के साथ साथ यदि यूपी को जीतते है तो करहल सीट से यूपी की सियासी गद्दी पर बैठेंगे जो इस इलाके के लिए खास है।                                                     

                                                                                      

सैफई के करीब वाली करहल सीट पर शुरू से ही मुलायम के सपा परिवार का काफी दखल और वर्चस्व रहा है। मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर चुनावी इतिहास में समाजवादी पार्टी  का ही दबदबा रहा है, लगातार तीन विधानसभा चुनावों  में सपा ने करहल में जीत दर्ज की है। हालांकि इस बार बीजेपी और एसपी में कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।

                                                                                      

बीजेपी ने करहल सीट पर सांसद और केंद्रीय मंत्री को उम्मीदवार बनाकर  मुकाबले को और भी रोमांचक बना दिया है। 

                                                                                   

 

बात अगर बीजेपी की जाए तो 2002 को छोड़कर बीजेपी ने कभी भी करहल सीट को नहीं जीता। बीजेपी से 2002 में जीते सोवरन यादव  बाद में सपा में ही शामिल हो गए थे। 

                                                                                 

इटावा से मैनपुरी तक फैले सपा के चुनावी किले को 2017  में बीजेपी ने भेद दिया था,बीजेपी लहर के बाद भी करहल सीट पर सपा की प्रचंड जीत हुई थी। अखिलेश के लिए सपा नेताओं ने सबसे सेफ सीट में करहल को माना जिसकी वजह से अखिलेश यहां से चुनाव लड़ रहे है। वैसे आपको बता दें सपा परिवार के साथ करहल मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि भी रहा है। नेताजी ने आजादी से पहले 1947 में बनी करहल इंटर कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की और बाद में इसी कॉलेज में सहायक अध्यापक के पद पर पदस्थ हुए थे। नेताजी ने अपनी राजनीति की शुरूआत भी इसी इलाके से की थी।  अब एक और इतिहास करहल से जुड़ने जा रहा है। 

                                                                              

 

 विधानसभा चुनाव में अपनी पहली किस्मत आजमा रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे है। रोमाचंक बने इस चुनाव में देखना ये होगा कि अबकी बार इस सीट पर बीजेपी का जादू चलेगा या नहीं, या फिर अखिलेश यादव आसानी से लखनऊ पहुंच जाएगा।  यह देखना दिलचस्प रहेगा।

 

 

 

 

 

 

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