गोवा चुनाव से गुंडू राव ने करोड़ों कमाए

भाजपा विधायक गोवा चुनाव से गुंडू राव ने करोड़ों कमाए

IANS News
Update: 2022-09-17 06:30 GMT
गोवा चुनाव से गुंडू राव ने करोड़ों कमाए

डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा के भाजपा विधायक संकल्प अमोनकर ने शनिवार को राज्य में कांग्रेस पार्टी के प्रभारी दिनेश गुंडू राव पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने फरवरी में विधानसभा चुनाव के दौरान करोड़ों में टिकट बेचे।

दरअसल, राव ने आरोप लगाया था कि भाजपा ने कांग्रेस विधायकों को दल बदलने के लिए 30 से 40 करोड़ रुपये का भुगतान किया। उन्होंने यह भी सवाल किया था कि आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय भगवा पार्टी द्वारा धन के दुरुपयोग की जांच क्यों नहीं कर रहे हैं।

बुधवार को कांग्रेस के आठ विधायक दिगंबर कामत, माइकल लोबो, दलीला लोबो, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, राजेश फलदेसाई, अलेक्सो सिकेरा और रूडोल्फ फर्नाडीस ने भाजपा का दामन थामा था।

मोरमुगांव से विधायक अमोनकर ने राव के आरोपों को निराधार बताया।

अमोनकर ने कहा, उन्होंने जो भी आरोप लगाए, हताश होकर लगाए, जो निराधार हैं। हम बिना शर्त भाजपा में शामिल हुए हैं। एक रुपये का लेनदेन नहीं है। अगर वह साबित करते हैं कि हमने पैसे लिए हैं तो मैं विधायक पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।

उन्होंने कहा कि सभी आठ विधायक विकास के लिए भाजपा में शामिल हुए हैं।

अमोनकर ने कहा, राव गोवा की राजनीति में अपने निजी फायदे देखते हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को नहीं, बल्कि व्यापारियों को पार्टी का टिकट दिया। 40 में से 12 निर्वाचन क्षेत्रों में टिकट देने के लिए करोड़ों रुपये लिए गए थे। दिनेश गुंडू राव को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि उन्होंने गोवा में क्या किया है।

उन्होंने आगे राव पर हमला करते हुए कहा कि सीएलपी नेता और पार्टी के गोवा अध्यक्ष पदों का सौदा बेंगलुरु में हुआ था।

अमोनकर ने कहा, कांग्रेस के गोवा अध्यक्ष बेंगलुरु गए थे और वहां करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ था, तभी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अमित पाटकर के नाम की घोषणा की गई। चुनाव से छह महीने पहले कांग्रेस में शामिल होने वाले को पार्टी अध्यक्ष का पद दिया गया था।

उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमित पाटकर को यह भी नहीं पता कि कांग्रेस का सदस्य और कार्यकर्ता कौन है, लेकिन उन्हें अध्यक्ष बनाया गया, क्योंकि वह आर्थिक रूप से मजबूत हैं।

अमोनकर ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के दौरान मीडिया प्रबंधन के लिए बेंगलुरु से एक एजेंसी को नियुक्त किया था और उन्हें 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। साथ ही बेंगलुरु की एक अन्य फर्म सभी निर्वाचन क्षेत्रों का सर्वे करने के लिए लगी हुई थी, जिसे उन्होंने 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, लेकिन सर्वे कभी नहीं हुआ।

(आईएएनएस)

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