मेट्रो मैन ई श्रीधरन भारतीय जनता पार्टी में होंगे शामिल, 21 फरवरी को लेंगे सदस्यता

मेट्रो मैन ई श्रीधरन भारतीय जनता पार्टी में होंगे शामिल, 21 फरवरी को लेंगे सदस्यता

Manmohan Prajapati
Update: 2021-02-18 11:25 GMT
मेट्रो मैन ई श्रीधरन भारतीय जनता पार्टी में होंगे शामिल, 21 फरवरी को लेंगे सदस्यता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में मेट्रो मैन के नाम से मशहूर ई श्रीधरन जल्द ही भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले हैं। ई श्रीधरन 21 फरवरी को पार्टी की विजय यात्रा के दौरान पार्टी की सदस्यता लेंगे। वे भाजपा प्रमुख सुरेंद्रन की अगुवाई में आयोजित होने वाली विजय यात्रा के दौरान औपचारिक रूप से सदस्यता ग्रहण करेंगे। यह सूचना खुद भाजपा के प्रमुख सदस्य सुरेंद्र ने दी। 

सुरेंद्र के अनुसार, श्रीधरन ने भारतीय जनता पार्टी के साथ काम करने की इच्छा व्यक्त की है। जानकारी के अनुसार उन्होंने एक अखबार से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है। 

इसलिए पार्टी में शामिल होंगे श्रीधरन
मलयालम मनोरमा अखबार से बात करते हुए श्रीधरन ने कहा, "यह निर्णय अचानक नहीं लिया है। मैं पिछले एक दशक से केरल में हूं और राज्य के लिए कुछ करना चाहता हूं। मैं अकेले कुछ नहीं कर सकता। इसलिए मैंने पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। मैं राज्य में भाजपा केंद्रित गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करूंगा।

जानिए, कौन हैं मेट्रो मैन ई श्रीधरन
भारत में मेट्रो सेवा के विकास में ई श्रीधरन ने अपना अहम योगदान दिया है, इसलिए उन्हें मेट्रो मैन के नाम से जाना जाता है। श्रीधरना को कोलकाता मेट्रो से लेकर दिल्ली मेट्रो सेवा के लिए जाना जाता है। परिवहन माध्यम में उनके इस योगदान के लिए उन्हें साल 2001 में पद्मश्री और 2008 में पद्मा विभूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा उनके विकास कार्य के लिए फ्रांस सरकार ने भी साल 2005 में इन्हें "Chavalier de la Legion d’honneur" अवार्ड से सम्मानित किया था। इतना ही नहीं, अमेरिका की विश्व प्रसिद्ध पत्रिका टाइम मैग्जीन ने भी इन्हें ‘एशिया का हीरो’ का टाइटल दिया था।

कोंकण रेलवे को भी बनाया सफल
श्रीधरन का जन्म 12 जून, 1932 को केरल के पलक्कड़ जिले में हुआ था। उन्होंने भारत के सबसे सफल रेलवे और मेट्रो परियोजनाओं को सफलता पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। इसके साथ ही उन्हें कोंकण रेलवे के सफल निर्माण का श्रेय भी दिया जाता है। बता दें कि यह आजादी के बाद भारत के पश्चिमी तट को जोड़ने वाली सबसे बड़ी रेल परियोजना है।

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