उप्र : भाजपा विधायक राधामोहन दास को पार्टी का नोटिस, रविकिशन ने मांगा इस्तीफा

उप्र : भाजपा विधायक राधामोहन दास को पार्टी का नोटिस, रविकिशन ने मांगा इस्तीफा

IANS News
Update: 2020-08-27 20:00 GMT
उप्र : भाजपा विधायक राधामोहन दास को पार्टी का नोटिस, रविकिशन ने मांगा इस्तीफा

लखनऊ, 28 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर की सीट से भाजपा विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। वहीं, सांसद रविकिशन ने विधायक से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा, अगर विधायक होने पर आपको गुस्सा आता है तो इस्तीफा दे दीजिए।

भाजपा विधायक डॉ. अग्रवाल ने पिछले दिनों ट्वीट कर यूपी में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए खुद को विधायक होने पर शर्म आने की बात कही थी। इसे पार्टी ने अनुशासनहीनता मानते हुए उनसे एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।

भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति व सिद्धांतों के विरुद्ध आचरण करने के आरोप में गोरखपुर शहर के विधायक डॉ. अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने डॉ. अग्रवाल को नोटिस जारी करते हुए कहा, पार्टी आचरण के विरुद्ध आपके द्वारा सरकार व संगठन की छवि को धूमिल करने वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर डाली जा रही है। आपका यह कृत्य अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। उक्त के संदर्भ में आप अपना स्पष्टीकरण एक सप्ताह के भीतर पार्टी कार्यालय भेजने का कष्ट करें।

गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से गोरखपुर में एक सहायक अभियंता के तबादले का मुद्दा गर्म है। इसको लेकर भाजपा विधायक डॉ. अग्रवाल और सांसद रविकिशन आमने-सामने हैं। इस मामले में जहां सांसद के पक्ष में चार विधायक आए, वहीं इस वैचारिक युद्ध में बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान नगर विधायक के समर्थन में कूद पड़े हैं। वहीं सांसद के इस संदेश पर नगर विधायक डॉ. अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। नगर विधायक ने कहा है, बहुत-बहुत धन्यवाद। कोई तो न्याय और सम्मान के लिए है।

दरअसल, विधायक अग्रवाल ने कार्य में लापरवाही के लिए सहायक अभियंता के.के. सिंह की उपमुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत की है, जिसके बाद अभियंता को मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। वहीं, मौजूदा सांसद रविकिशन शुक्ला ने अभियंता को कर्मठ, विश्वसनीय बताते हुए तबादले को रोकने के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र लिखा।

वीकेटी/एसजीके

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