INDvsSA: वो बात कर रहे हैं गांधी-मंडेला की, और हमें चाहिए 25 सालों का हिसाब

INDvsSA: वो बात कर रहे हैं गांधी-मंडेला की, और हमें चाहिए 25 सालों का हिसाब

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-03 06:46 GMT
INDvsSA: वो बात कर रहे हैं गांधी-मंडेला की, और हमें चाहिए 25 सालों का हिसाब

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच क्रिकेट सीरीज शुरू होने वाली है और 5 जनवरी को सीरीज का पहला टेस्ट मैच केपटाउन में खेला जाएगा। इससे पहले इंडिया और साउथ अफ्रीका की तरफ से प्रोमो भी तैयार किए जा चुके हैं। इंडिया ने अपने प्रोमो में जहां "25 सालों के हिसाब" की बात कही है, वहीं साउथ अफ्रीका ने अपने प्रोमो में महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला और मदर टेरेसा को दिखाया है। इन प्रोमोज़ को देखकर एक बात साफ हो गई है कि अब इंडिया "बदला" लेने की बात करने लगा है और साउथ अफ्रीका "अहिंसा" की।

इंडिया के प्रोमो में क्या है? 

दरअसल, Sony Ten ने इंडिया-साउथ अफ्रीका सीरीज के लिए एक प्रोमो बनाया है। इस प्रोमो का टाइटल दिया गया है #Hisaab25SaalKa। इस प्रोमो की शुरुआत न्यूजपेपर्स के एक बंडल से होती है, जिसमें पहली हेडलाइन होती है "अफ्रीका ने इंडिया को हरा दिया"। इसके बाद एक शख्स अपनी "मूंछें" काट लेता है। फिर आगे दोनों टीमों के बीच मैच की हाईलाइट्स दिखती है। सचिन तेंदुलकर आउट हो जाते हैं और अफ्रीका जीत जाती है। टीवी सेट्स बंद हो जाते हैं। फिर आती है विराट की टीम। आग दिखाई देती है, गुस्सा दिखाई देता है। आखिरी में लिखा आता है "हिसाब 25 साल का।"

साउथ अफ्रीका ने बात की अहिंसा की

वहीं इससे इतर साउथ अफ्रीका ने "अहिंसा" की बात की है। इंडिया-साउथ अफ्रीका क्रिकेट सीरीज को लेकर क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने भी एक प्रोमो लॉन्च किया है। इस प्रोमो की शुरुआत में ही महात्मा गांधी दिखाई देते हैं और आजादी का संघर्ष दिखाई देता है। फिर नेल्सन मंडेला नजर आते हैं और आखिरी में मदर टेरेसा दिखती हैं, जो लोगों से हाथ मिला रहीं हैं। इसके बाद 1991 की सीरीज की एक झलक दिखाई देती है, जब साउथ अफ्रीका की टीम ने भारत में अपना पहला टेस्ट खेला था। ये मैच कोलकाता में खेला गया था। इसमें साउथ अफ्रीकी टीम के कैप्टन क्लाइव राइस और पूरी टीम क्रिकेट फैंस को हाथ जोड़कर थैंक्स करती है। और हां, स्टैंड से एक बैनर भी दिखाई देता है, जिसपर लिखा होता है "साउथ अफ्रीका सेज़ थैंक्यू।" इसके आखिरी में एक लाइन लिखी आती है "अ शेयर्ड हिस्ट्री ऑफ फ्रीडम थ्रू नॉन-वॉयलेंस एंड अ लव ऑफ क्रिकेट"। फिर सीरीज का नाम आता है "फ्रीडम सीरीज"।

हमने कुचलने की बात की, उन्होंने अहिंसा

जब आप इंडिया और साउथ अफ्रीका के प्रोमोज़ देखेंगे, तो दोनों के बीच का अंतर साफ दिखाई देगा। एक तरफ जहां इंडिया ने कुचलने और दबाने की बात कही है, वहीं दूसरी तरफ साउथ अफ्रीका ने अहिंसा की। जिस देश में महात्मा गांधी का जन्म हुआ और जहां उन्होंने आखिरी सांस ली, वो देश अब "हिंसा" और "बदले" की बात कर रहा है, जबकि जिस देश में महात्मा गांधी सिर्फ पढ़ाई करने गए, उस देश ने "अहिंसा" की बात की। हालांकि ये कोई पहली बार नहीं है, जब इंडिया ने क्रिकेट में बदले की बात कही है। इससे पहले वर्ल्ड कप-2015 के वक्त भी "मौका-मौका" खूब चला था, जिसमें विपक्षी टीमों की खिल्ली उड़ाई गई थी। 

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