WWE में जगह पाने वाली पहली भारतीय महिला, खली से है खास कनेक्शन
WWE में जगह पाने वाली पहली भारतीय महिला, खली से है खास कनेक्शन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेनमेंट (WWE) की लेडीज विंग में अब भारतीय महिला को भी जगह दी गई है। WWE ने भारत की पहली महिला रेसलर कविता देवी को अपने इतिहास में पहली बार शामिल किया है। कविता देवी हाल ही में WWE के "माय यंग क्लासिक" टूर्नामेंट का हिस्सा थीं और अब WWE में जगह बनाकर उन्होंने इतिहास रच दिया है। कविता देवी पहली भारतीय महिला हैं, जिन्हें WWE में शामिल किया गया है। अब तक WWE में भारत की तरफ से द ग्रेट खली और जिंदर महल का ही दबदबा था, लेकिन अब WWE में भारतीय महिला कविता देवी भी अपना देसी अंदाज दिखाने आ रही हैं।
WWE ने कविता देवी को पहली भारतीय महिला रेसलर के तौर पर साइन किया है। इस बात की जानकारी WWE चैंपियन जिंदल महल ने की। इस बारे में कविता का कहना है कि, "पहली भारतीय महिला पहलवान बनने पर मेरे लिए सम्मान की बात है।" उन्होंने कहा कि, "माय यंग टूर्नामेंट में मुझे कई टॉप खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिला और अब मैं WWE में चैंपियन बनना चाहती हूं।" बताया जा रहा है कि कविता अगले साल फ्लोरिडा में WWE के सेंटर में ट्रेनिंग शुरू करने वाली हैं।
क्या है खली से कनेक्शन?
कविता और खली के बीच गुरु-शिष्य का रिश्ता है। कविता ने द ग्रेट खली (दलीप सिंह राणा) से रेसलिंग की कोचिंग ली है। कविता ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें हमेशा से wwe देखना अच्छा लगता है, लेकिन वो कभी इसमें खेलेंगी, इसके बारे में कभी नहीं सोचा था। उन्होंने बताया था कि एक बार एक लोकल शो में एक परफॉर्मर ने उन्हें चैलेंज किया जिसके बाद वो बिना सोचे-समझे रिंग में कूद गई। कविता ने बताया था कि इस मुकाबले के बाद उन्होंने सोचा कि वो ये कर सकती हैं और इसके बाद द ग्रेट खली से उन्होंने कोचिंग लेना शुरु किया।
इससे पहले "माय यंग टूर्नामेंट" में कविता ने न्यूजीलैंड की डकोटा काई की जमकर धुनाई की थी। इस मैच में कविता ने सलवार सूट पहना हुआ था और डकोटा के साथ जमकर फाइट की थी। इसका एक वीडियो WWE ने सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जो काफी वायरल भी हुआ था। इस फाइट में कविता ने "सलवार-सूट" पहना हुआ था और वो इन्हीं कपड़ों में डकोटा को पीटते हुए, एकदम देसी पहलवान दिख रहीं थीं। इस फाइट में कविता हार गई थी, लेकिन एक समय में वो डकोटा पर भारी हो गई थी। असल में कविता इस फाइट में डकोटा की स्पीड और ताकत के सामने टिक नहीं पाई और हार गई थी।