Decision: सार्वजनिक नहीं मना सकेंगे छठ पर्व, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- त्योहार के लिए जिंदा रहना जरूरी 

Decision: सार्वजनिक नहीं मना सकेंगे छठ पर्व, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- त्योहार के लिए जिंदा रहना जरूरी 

Manmohan Prajapati
Update: 2020-11-18 09:14 GMT
Decision: सार्वजनिक नहीं मना सकेंगे छठ पर्व, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- त्योहार के लिए जिंदा रहना जरूरी 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दीपावली के बाद देश में धूमधाम से मनाया जाने वाला छठ पर्व सार्वजनिक तौर पर नहीं मना सकेंगे। दरअसल, कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में घाटों पर छठ पूजा समारोह आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि छठ पूजा के सामूहिक आयोजन की अनुमित देने पर कोविड-19 महामारी में तेज वृद्धि की आशंका रहेगी। हाई कोर्ट ने कहा कि किसी भी धर्म के त्यौहार को मनाने के लिए आपको सबसे पहले जीवित रहना होगा।

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आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने किसी भी सार्वजनिक स्थान पर छठ पूजा का आयोजन न करने का निर्देश दिया है, बता दें कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंगलवार को एलजी के जरिए केंद्र सरकार से कोरोना हॉटस्पॉट एरियाज में कुछ गतिविधियों पर पाबंदी लगाने की अनुमति मांगी थी।

लेकिन छठ पूजा का आयोजन करवाने वाली समितियों ने दिल्ली सरकार के इस आदेश का विरोध किया है। दिल्ली सरकार के इस फैसले के खिलाफ छठ पूजा के आयोजन की अनुमति लेने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दी गई थी। 

याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कोविड-19 के मद्देनजर तालाबों और नदी के किनारों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

जस्टिस हिमा कोहली और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लोगों को इकट्ठा होने की इजाजत देना संक्रमण को तेजी से बढ़ने की अनुमति देना है। आज के समय में ऐसी याचिका जमीनी हकीकत से कोसों दूर है।

 

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