China Open 2025: सात्विक-चिराग ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, जापान की अकाने यामागुची से हारकर बाहर हुईं उन्नति हुड्डा

सात्विक-चिराग ने सेमीफाइनल में बनाई जगह, जापान की अकाने यामागुची से हारकर  बाहर हुईं उन्नति हुड्डा
  • चीन के चांगझोउ में खेला जा रहा चाइना ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट
  • भारत की पुरुष युगल जोड़ी सात्विक और चिराग अंतिम चार में पहुंचे
  • युवा उन्नति हुड्डा महिला एकल क्वार्टर फाइनल में हारीं

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चांगझोउ में खेले जा रहे चाइना ओपन बैडमिंटन टूर्नामेंट में भारतीय बैडमिंटन स्टार सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने ग्लोबाल सर्किट पर अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शुक्रवार को शानदार जीत के साथ चाइना ओपन के सेमीफाइनल में एंट्री की। वहीं, युवा उन्नति हुड्डा का शानदार सफर महिला एकल क्वार्टर फाइनल में थम गया।

मलेशियाई जोड़ी को सीधे गेमों में हराया

दुनिया की तीसरे नंबर की पुरुष युगल जोड़ी, सात्विक और चिराग ने मलेशिया के ओंग येव सिन और टियो ई यी को सीधे गेमों में हराकर केवल 40 मिनट में 21-18, 21-14 से जीत हासिल की। भारतीय जोड़ी ने पूरे मैच में अपने खास आक्रामक अंदाज और सहज खेल का प्रदर्शन किया। इस जीत के साथ, उन्होंने मलेशियाई जोड़ी के खिलाफ अपने रिकॉर्ड को 7-3 तक सुधार लिया।

पहले गेम में सात्विक-चिराग ने शुरुआती बढ़त हासिल की, लेकिन सिन और यी ने वापसी करते हुए अंतर कम कर दिया। भारतीयों ने अपना संयम बनाए रखा और 21-18 से गेम अपने नाम कर लिया। दूसरे गेम में, दोनों जोड़ियां 15-14 तक बराबरी पर रहीं, उसके बाद सात्विक और चिराग ने अपना रुख बदला और लगातार छह अंक जीतकर मुकाबला अपने नाम कर लिया। यह साल का उनका चौथा सेमीफाइनल है, और अब उनका सामना दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी आरोन चिया और मलेशिया की सोह वूई यिक से होगा, जो एक बेहद रोमांचक मुकाबला होने की उम्मीद है।

उन्नति हुड्डा का सफर हुआ खत्म

दूसरी ओर, 17 वर्षीय उन्नति हुड्डा का टूर्नामेंट में शानदार सफर जापान की दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी अकाने यामागुची के हाथों हारकर खत्म हुआ। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु को प्री-क्वार्टर फाइनल में हराने वाली उन्नति को महज 33 मिनट में 16-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा।

अपने जोशीले प्रयास के बावजूद, उन्नति को यामागुची की अथक गति और सटीक शॉट-मेकिंग के सामने लय बनाए रखने में संघर्ष करना पड़ा। हालांकि उन्होंने शुरुआती गेम में मुकाबला कड़ा बनाए रखा, लेकिन यामागुची के लगातार जल्दी-जल्दी अंक बनाने से मुकाबला पलट गया। दूसरे गेम में भी यही स्थिति रही, जहां यामागुची का अनुभव युवा भारतीय के लिए बहुत ज्यादा साबित हुआ। उन्नति के साथ ही, टूर्नामेंट में भारत की एकल चुनौती समाप्त हो गई है। अब सभी की निगाहें सात्विक और चिराग पर हैं।

Created On :   26 July 2025 12:44 AM IST

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