पंजाब नेशनल बैंक में 11 हजार पांच सौ करोड़ का घोटाला 

11 thousand five hundred crore scandal in Punjab National Bank
पंजाब नेशनल बैंक में 11 हजार पांच सौ करोड़ का घोटाला 
पंजाब नेशनल बैंक में 11 हजार पांच सौ करोड़ का घोटाला 


 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश के दूसरे सबसे बड़े पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मुंबई ब्रांच में 11 हजार पांच सौ करोड़ के घोटाले का खुलासा हुआ है। ये खुलासा खुद पंजाब नेशनल बैंक ने ही किया है। बैंक ने स्वीकार किया कि मुंबई स्थित उसकी एक शाखा के जरिए 11 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इतना ही नहीं इस घोटाले में शामिल अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। वहीं इस मामले में CBI सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर उद्योगपति नीरव मोदी और उनके सहयोगियों समेत कुल 6 लोगों के खिलाफ धोखाधडी, आपराधिक षडयंत्र और सरकारी पद के दुरूपयोग का मुकदमा दर्ज किया है। 

कैसे किया गया घोटाला?

पंजाब नेशनल बैकं के दो अधिकारियों पर आरोप है कि मिलीभगत से डायमंड कारोबारी नीरव मोदी और उनके सहयोगियों ने साल 2017 में  विदेश से सामान मंगाने के नाम पर बैंकिंग सिस्टम में जानकारी डाले बिना ही आठ लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) जारी करवा दिए, जिससे बैंक को 280 करोड रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ। हालांकि ये पिछले 8 सालों से किया जारा था। 2011 में इस घोटाल की शुरुआत हुई और साल 2018 तक कुछ 11 हजार 500 करोड़ का घोटाला किया गया। 

 

Related image

 

फर्जी तरीके से जारी किए गए थे सभी 8 एलओयू

बैंक की तरफ से केस दर्ज किया गया, मामला सीबीआई में पहुंचा, जांच हुई तो पता चला कि सभी 8 एलओयू फर्जी तरीके से जारी किए गए। PNB के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने एक दूसरे कर्मचारी के साथ मिलकर लेटर जारी किए और इन्हें सिस्टम में कहीं नहीं दिखाया। हांगकांग में जिससे सामान इंपोर्ट किए गए हैं उनकी बैंक गारंटी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक ने ली थी। यानी अब इन 280 करोड़ रूपयों की देनदारी पीएनबी की हो गई है।

दरअसल नीरव मोदी और उसके साथियों ने अपनी तीन कंपनियों डायमंड आर यूएस, सोलर एक्सपोर्ट और स्टैलर डायमंड के सारा प्लान बनाया। इन तीनों कंपनियों के नाम पर इन्होंने PNB से कहा कि उन्हें हांगकांग से सामान मंगाना है। सामान मंगाने के लिए उन्होंने PNB  से एलओयू जारी करने की मांग की। उन्होंने एलओयू हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक और एक्सिस बैंक के नाम पर जारी करने की गुजारिश की। एलओयू का मतलब होता है कि जो सामान खरीदा जा रहा है उसके पैसे देने की गारंटी बैंक देता है। पीएनबी ने हांगकांग में मौजूद इलाहाबाद बैंक को 5 और एक्सिस बैंक को 3 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किए। हांगकांग से करीब 280 करोड़ रूपए का सामान इंपोर्ट किया गया।

18 जनवरी को इन तीनों कंपनियों के लोग इम्पोर्ट दस्तावेजों के साथ PNB की मुंबई ब्रांच में पहुंचे और पैसों का भुगतान करने को कहा। बैंक अधिकारी ने कहा कि जितना भी पैसा विदेश में भेजना है उतना नकद जमा करना पड़ेगा। कंपनियों के अधिकारियों ने फिर एलओयू दिखाया और उसके आधार पर पेमेंट करने को कहा। बैंक ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि PNB के रिकॉर्ड में कहीं भी जारी किए गए आठ एलओयू का जिक्र नहीं था, मतलब बैंक में बिना पैसा गिरवी रखे लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करवाए गए।

 

 

Related image

 

अधिकारियों ने उठाया सिस्टम की कमजोरी का फायदा 

PNB के दो कर्मचारियों ने व्यवस्था की कमी का फायदा उठाकर बैंक को ये बड़ा नुकसान पहुंचाया है। फंड हासिल करने और रकम को PNB से बाहर भेजने के लिए इन कर्मचारियों ने "स्विफ्ट" का इस्तेमाल किया और रोजाना की बैंकिंग ट्रांजैक्शंस को प्रॉसेस करने वाले कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) को चकमा दे दिया। "स्विफ्ट" ग्लोबल फाइनेंशियल मेसेजिंग सर्विस है, जिसका इस्तेमाल प्रत्येक घंटे लाखों डॉलर को भेजने के लिए किया जाता है।

विदेश में क्रेडिट हासिल करने के लिए इस्तेमाल होने वाले "स्विफ्ट" से जुड़े मेसेज पीएनबी के फिनैकल सॉफ्टवेयर सिस्टम में तुरंत अवेलेबल नहीं होते क्योंकि ये बैंक के CBS में एंट्री किए बिना जारी किए जाते हैं। 

जांच के घेरे में आई बड़ी ज्वैलरी कंपनियां 

PNB घोटाले के बाद अब देश की कई दूसरी बड़ी ज्वैलरी कंपनियां जैसे गीतांजलि, गिन्नी और नक्षत्र भी विभिन्न जांच एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं। ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामले में मनी लॉंडरिंग का केस दर्ज किया है। वहीं सेबी 11 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के इस मामले मामले में कई ज्वैलरी कंपनियों समेत बैंकों ने खुलासा करने में हुई खामियों की जांच कर सकती है। वहीं इस खुलासे के बाद से ही पंजाब नेशनल बैंक के शेयर काफी गिर गए थे। इस खुलासे के बाद से ही जांच एजेंसियां एक्शन में आ गईं हैं। 

वित्त मंत्रालय ने दिलाया  उचित कार्रवाई का भरोसा

सेबी और शेयर बाजार इन कंपनियों और उनके शीर्ष अधिकारियों के कारोबारी आंकड़े का विश्लेषण करेंगे। वित्त मंत्रालय ने घोटाले को लेकर जताई जा रही आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि ये मामला नियंत्रण के बाहर नहीं है और इस बारे में उचित कार्रवाई की जा रही है।
 

Created On :   15 Feb 2018 5:37 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story