पीड़ितों को लगा एक लाख करोड़ रुपये का चूना

Gain bitcoin scam turned out to be bigger than expected, victims lost one lakh crore rupees
पीड़ितों को लगा एक लाख करोड़ रुपये का चूना
उम्मीद से बड़ा निकला गेन बिटक्वाइन घोटाला पीड़ितों को लगा एक लाख करोड़ रुपये का चूना
हाईलाइट
  • उम्मीद से बड़ा निकला गेन बिटक्व ॉइन घोटाला
  • पीड़ितों को लगा एक लाख करोड़ रुपये का चूना

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। कुछ समय पहले पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले गेन बिटक्वोइन पोंजी स्कैम की परतें अभी पूरी तरह से खुली नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक यह स्कैम उम्मीद से अधिक बड़ा है और एक लाख से अधिक पीड़ितों को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का चूना लगा है। गेन बिटक्वोइन स्कैम के संबंध में कुल 40 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 13 मामले महाराष्ट्र में दर्ज हैं।

इस स्कैम के मास्टर माइंड अमित भारद्वाज ने 3,85,000 से 6,00,000 के बीच बिटक्वोइन जमा किये थे। इनकी कुल कीमत एक लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है। यह रकम और भी अधिक हो सकती है क्योंकि गत साल नवंबर में बिटकॉइन की कीमत सर्वकालिक उच्चतम स्तर 68,000 डॉलर पर थीं, जबकि अब इनकी कीमत करीब 21,000 डॉलर है।

अमित भारद्वाज का निधन इस साल की शुरूआत में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, पुणे पुलिस ने इस मामले में 60 हजार से अधिक यूजर आईडी और ईमेल आईडी को ट्रैक किया है। अधिकतर पोंजी स्कैम की तरह गेन बिटक्वोइन का ढांचा भी पिरामिड यानी बहु स्तरीय विपणन योजना की तरह था। इसमें अमित भारद्वाज शीर्ष पर बैठा था जबकि उसके मातहत भारत और विदेशों में कारोबार कर रहे थे।

अमित भारद्वाज ने लोगों को झांसा दिया था कि वे बिटकॉइन के रूप में जितना निवेश करेंगे, उन्हें प्रति माह दस प्रतिशत की दर से 18 माह तक उस पर रिटर्न दिया जायेगा। अमित भारद्वाज ने यह रिटर्न बिटकॉइन में ही देने का वादा किया था। निवेशक रिटर्न के लोभ में अपना बिटक्वोइन दे देते थे। यह पूरा मॉडल ही गलत था लेकिन निवेशकों को जब तक इसका भान होता तब तक वे निवेश कर चुके होते थे।

निवेशकों को जब रिटर्न नहीं मिलने लगा तो वे इस मामले को सोशल मीडिया आदि पर उठाने लगे। अमित भारद्वाज ने तब उन्हें एमकैप के रूप में रिटर्न देने की बात की लेकिन यह क्रिप्टोकरेंसी किसी काम की नहीं थी। यह क्रिप्टोकरेंसी कहीं सूचीबद्ध नहीं थी। यह भारद्वाज बंधुओं के अपने एक्सचेंज एमकैप एक्सचेंज और सी-सेक्स पर सूचीबद्ध था। यह एक्सचेंज एमकैप को बिटकॉइन में बदलने का अवसर भी नहीं दे रहा था।

ईडी ने इस माह की शुरूआत में इस संबंध में दिल्ली सहित छह जगहों पर छापे मारे। ईडी ने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दस्तावेज जब्त किये। अभी सबकी आंखें अमित भारद्वाज के भाई अजय भारद्वाज पर टिकी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में गेन बिटकॉइन घोटाले के आरोपी अजय भारद्वाज की याचिका पर सुनवाई करते हुये आदेश दिया था कि वह अपने क्रिप्टो वॉलेट का यूजरनेम और पासवर्ड ईडी के साथ साझा करे।

ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि याचिकाकर्ता के भाई की मौत हो गयी है और ऐसे में उसी के पास यूजरनेम और पासवर्ड है, जिसे जांच अधिकारियों को बताया जाना जरूरी है। ईडी की ओर से मामले की पैरवी कर रही अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की खंडपीठ को कहा था कि यह मामला क्रिप्टोकरेंसी की वैधानिकता से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह पोंजी स्कैम है।

दरअसल इससे पहले 25 फरवरी को मामले की सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मौखिक रूप से भाटी से कहा था कि वह क्रिप्टोकरेंसी की वैधानिकता पर रुख स्पष्ट करें। इसके बाद अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने अजय भारद्वाज को यूजरनेम और पासवर्ड न बताने को लेकर जमकर फटकार लगाई।

सोर्स: आईएएनएस

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Created On :   16 Jun 2022 8:30 PM IST

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