मोदी बोले, व्यापारिक बिरादरी से, आत्मनिर्भर मिशन में अगुआई करें, मैं आपके साथ हूं
नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कॉर्पोरेट नेताओं और व्यापारिक बिरादरी से आग्रह किया कि वे देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आगे आकर अगुआई करें। उन्होंने आयात पर निर्भरता को भी कम करते हुए भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया।
वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी के शुभारंभ अवसर पर अपने संबोधन के दौरान मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र के खुलने से भारत खनिज के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा और समय के साथ भारत ऐसे उत्पादों का निर्यातक बन जाएगा, जो अब तक आयात किए जा रहे हैं।
यह देखते हुए कि महीनों के भीतर भारत मास्क और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का एक प्रमुख उत्पादक बन गया है, उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों का निर्यातक होगा।
उद्योग में अधिक निवेश करने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, नेतृत्व करने के लिए आगे आएं। यह भारतीय व्यापारिक बिरादरी और भारत के प्रमुख सेवा क्षेत्र के लिए इतिहास को बदलने का मौका है। मैं आपके साथ हूं।
कोयला खदानों की नीलामी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया ऐसे समय में शुरू हुई है, जब भारतीय अर्थव्यवस्था फिर से खुल गई है और विकास के रास्ते पर वापस लौटने के संकेत दे रही है।
मांग में वृद्धि और पेट्रोलियम उत्पादों की अधिक खपत, उच्च टोल संग्रह, डिजिटल लेनदेन, उच्च खरीफ बुवाई और गेहूं की अधिक खरीद का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि जो महामारी के कारण व्याप्त मंदी से उभरने के लिए भारत तेजी से विकास पुनरुद्धार के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा, इन सभी संकेतकों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक गति से वापस वृद्धि के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि आज हम सिर्फ कोयला खनन के लिए ही नीलामी लॉन्च नहीं कर रहे हैं, बल्कि कोयला क्षेत्र को दशकों के लॉकडाउन से भी बाहर निकाल रहे हैं।
यह देखते हुए कि दुनिया में चौथा सबसे बड़ा कोयला भंडार होने के बावजूद भारत अब तक कोयले का आयात कर रहा है, उन्होंने कहा कि इस कदम से भारत कोयले के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा और लाखों रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा।
मोदी ने कहा कि वाणिज्यिक कोयला खनन शुरू होने से पूर्वी और मध्य भारत के लोगों को नौकरियों और समृद्धि के मामले में मदद मिलेगी।
मोदी ने लॉन्च कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 2030 तक करीब 10 करोड़ टन कोयले को गैस में बदलने का लक्ष्य है। इस पर करीब 20 हजार करोड़ रुपये निवेश किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आयात पर निर्भरता कम करेगा। इसके लिए देश में साधन-संसाधन विकसित किए जाएंगे। इससे लाखों करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचेगी।
Created On :   18 Jun 2020 4:00 PM IST