ओडिशा का प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 21 वर्षो में 375 फीसदी बढ़ा

Odishas per capita debt burden increased by 375 percent in 21 years
ओडिशा का प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 21 वर्षो में 375 फीसदी बढ़ा
राज्य का कर्ज ओडिशा का प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 21 वर्षो में 375 फीसदी बढ़ा
हाईलाइट
  • चालू वित्तवर्ष में इस क्षेत्र पर खर्च बढ़कर 75
  • 000 करोड़ रुपये हो गया है

डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। बीजद शासन (2000-2021) के दौरान ओडिशा पर प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया है। सूत्रों के अनुसार, 1999-2000 में राज्य का प्रति व्यक्ति ऋण भार लगभग 5,000 रुपये था, जो 2020-21 के अंत तक 375 प्रतिशत बढ़कर 23,761.83 रुपये हो गया है। 2011-12 के अंत तक प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ 9,144.40 रुपये था, तो इसका मतलब है कि पिछले 10 वर्षो में प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ दोगुना से अधिक हो गया है।

इसी तरह, राज्य का कुल कर्ज का बोझ लगभग 1 लाख करोड़ रुपये बना हुआ है, जो कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 15.7 प्रतिशत है। एक अधिकारी ने कहा कि बजट अनुमान के मुताबिक मार्च के अंत तक कर्ज का बोझ 1.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।

राज्य ने वित्तवर्ष 2015-16 के दौरान विभिन्न गरीबी उन्मूलन योजनाओं और कल्याण कार्यक्रमों के तहत 42,639 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस राशि में 10,943 करोड़ रुपये केंद्रीय हिस्सा और राज्य सरकार से 31,695 करोड़ रुपये शामिल हैं। चालू वित्तवर्ष में इस क्षेत्र पर खर्च बढ़कर 75,000 करोड़ रुपये हो गया है।

राज्य ने वर्ष 2015-16 के दौरान अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन पर 26,639 करोड़ रुपये का व्यय किया है, जो चालू वित्तवर्ष में बढ़कर 42,874 करोड़ रुपये हो गया है।  जबकि राज्य का प्रति व्यक्ति कर्ज का बोझ हर साल बढ़ता है, बीजद सरकार अपनी लोकप्रियता बनाए रखने के लिए एक के बाद एक कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू कर रही है - एक रुपये प्रति किलो चावल से लेकर कालिया योजना तक, जिसके तहत सरकार किसान के बैंक खातों में सीधे पैसा भेज रही है।

पूर्व वित्तमंत्री पंचानन कानूनगो ने कहा, भले ही राज्य ने कर्ज के बोझ पर अपनी सीमा पार नहीं की है, लेकिन उधार की राशि संपत्ति निर्माण पर खर्च नहीं की जा रही है। यहां तक कि वेतन देने के लिए उधार लिया गया पैसा भी चिंता का विषय है। एक स्थानीय वित्तीय विशेषज्ञ ने कहा कि किसी भी चुनाव से ठीक पहले बीजद सरकार एक योजना लेकर आती है।

पंचायत चुनावों से पहले, सरकार ने बीजू स्वास्थ्य कल्याण योजना, स्मार्ट स्वास्थ्य कार्ड वितरण शुरू किया और सड़क विक्रेताओं, बीपीएल परिवारों, किसानों आदि जैसे समाज के गरीब और सीमांत वर्गो के लोगों को वित्तीय सहायता वितरित की। इन पहलों ने राज्य के राजकोष पर अतिरिक्त दबाव डाला।

राज्य के वित्त विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ओडिशा में कर्ज का बोझ राजकोषीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम में तय सीमा के भीतर है। उन्होंने कहा कि उधार ली गई राशि का पूरी तरह से पूंजीगत संपत्ति निर्माण जैसे सड़कों, पुलों, सिंचाई परियोजनाओं आदि के निर्माण के लिए उपयोग किया गया था। उन्होंने कहा, राज्य लगातार राजस्व अधिशेष बनाए हुए है।

आईएएनएस

Created On :   27 Feb 2022 10:00 PM IST

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