रिलायंस पावर की इकाई वीआईपीएल पर पसंदीदा कंपनी के अनुरूप ऋण बिक्री ऑफर बनाने का आरोप

रिलायंस पावर की इकाई वीआईपीएल पर पसंदीदा कंपनी के अनुरूप ऋण बिक्री ऑफर बनाने का आरोप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिलायंस पावर की सहायक कंपनी विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड (वीआईपीएल) पर जानबूझकर ऋण बिक्री के लिए आमंत्रित अभिरुचि पत्र (ईओआई) के लिए ऐसी शर्तें रखने का आरोप लगा है जिससे पसंदीदा निवेशक ही इसमें भाग ले सकते हैं। बोलीदाताओं ने इन शर्तों को प्रतिबंधात्मक और पुराने बोलीदाताओं के पक्ष में बताया है।एक संभावित बोलीदाता के अनुसार, ऋणदाताओं द्वारा इन कठिन शर्तों का उद्देश्य पुराने बोली लगाने वाले यानी सीएफएम एआरसी को लाभ पहुंचाना है, बिक्री प्रक्रिया एक दिखावा मात्र है।

बोलीदाताओं ने आरोप लगाया है कि ये शर्तें वीआईपीएल ऋण की प्रतिस्पर्धी मूल्य खोज को बाधित कर देगी जो ऋणदाताओं के लिए मूल्य को अधिकतम करने के मूल सिद्धांत के विपरीत है। एक संभावित बोलीदाता ने बताया कि सीएफएम एआरसी के अलावा ईओआई सभी संभावित बोलीदाताओं के लिए भेदभावपूर्ण है।

बोलीदाताओं ने यह भी दावा किया है कि वीआईपीएल ईओआई दस्तावेज़ भारतीय रिजर्व बैंक (ऋण एक्सपोजर का हस्तांतरण) दिशानिर्देश, 2021 में उल्लिखित प्रक्रिया से संबंधित प्रावधानों का भी पालन नहीं करता है क्योंकि इसमें बेस प्राइस का उल्‍लेख नहीं है।रिलायंस पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी वीआईपीएल के ऋणदाता कंपनी के बकाया ऋण की बिक्री कर रहे हैं। प्रमुख बैंकर एक्सिस बैंक ने वीआईपीएल के बकाया कर्ज की बिक्री के लिए ईओआई आमंत्रित किया है।

ईओआई दस्तावेज़ में पुराने बोलीदाता (एंकर बोलीदाता) के नाम का उल्लेख नहीं है। दस्तावेज़, बोली लगाने वाले के नाम का खुलासा किए बिना, बस इतना कहता है कि एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी से एक बाध्यकारी बोली प्राप्त हुई है, जो एंकर बोलीदाता है। ईओआई दस्तावेज़ एंकर बोली के मूल्य पर भी चुप है। नियमों के अनुसार, सभी ऋणदाताओं को अपनी संबंधित वेबसाइटों पर वीआईपीएल में अपने जोखिम का खुलासा करना आवश्यक है, लेकिन यह जानकारी भी संभावित बोलीदाताओं के लिए उपलब्ध नहीं है।

अजीब बात यह है कि एंकर बोली लगाने वाले यानी सीएफएम एआरसी ने वीआईपीएल ऋण के लिए प्रमोटर कंपनी, रिलायंस पावर के 1,260 करोड़ रुपये के ओटीएस ऑफर के मुकाबले 1,220 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। सीएफएम एआरसी उन चार परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों में से एक है, जिन्हें कंपनियों पर आयकर छापे के बाद आरबीआई ने अपने विशेष ऑडिट के बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

--आईएएनएस

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   13 July 2023 5:49 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story