राजनीति: अमरावती में छाये राजनीतिक संकट की घड़ी में मैदान में उतरना जरूरी : बूब

अमरावती में छाये राजनीतिक संकट की घड़ी में मैदान में उतरना जरूरी  : बूब
  • शिवसेना छोड़ प्रहार का दामन थामे संपर्क नेता अरविंद सावंत पर हल्लाबोल
  • कहा- शिवसैनिक घर बैठकर देंगे मेरा साथ
  • राजनीतिक उथल-पुथल पर जताई चिंता

डिजिटल डेस्क, अमरावती । विधायक बच्चू कडू की प्रहार जनशक्ति पार्टी का उदय शिवसेना से ही हुआ है। इसलिए निष्ठावान शिवसैनिक घर बैठकर भी मेरा साथ देंगे। ऐसा दावा दिनेश बूब ने किया। उद्धव ठाकरे की शिवसेना से नाता तोड़कर अमरावती लोकसभा सीट से प्रहार की उम्मीदवारी लेते समय उन्होंने शिवसेना के संपर्क नेता अरविंद सावंत पर भी हल्लाबोल बोला।

विधायक राजकुमार पटेल व प्रहार के प्रदेश अध्यक्ष बल्लू जवंजाल की उपस्थिति में न्यू आजाद गणेशोत्सव स्थल पर शुक्रवार को पत्र परिषद में बूब ने कहा कि मैंने शिवसेना से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन मन से शिवसेना में ही कायम रहूंगा। क्योंकि मेरे रक्त में शिवसेना है। शिवसेना के संपर्क नेता अरविंद सावंत ने मुंबई में पार्टी नेताओं को यह जानकारी दी कि अमरावती जिले में शिवसेना कमजोर स्थिति में है। इसी कारण अमरावती लोस सीट कांग्रेस को छोड़ी गई। यह भी एक बड़े षड़यंत्र के तहत हुआ है। ऐसा आरोप भी उन्होंने किया। ऊपर से कितना भी दबाव आ जाए। पीछे नहीं हटूंगा। भाजपा उम्मीदवार का विरोध हो रहा है और कांग्रेस प्रत्याशी कमजोर है। इस तरह अमरावती में छाये राजनीतिक संकट की घड़ी में मैदान में उतरना जरूरी हो गया। इतने वर्षों में कभी अपना विकास फलक नहीं लगाया। इस समय विधायक पटेल ने जुमला बोला कि चुनाव में खैर नहीं और बैर भी नहीं। प्रहार से बंटी रामटेके, गोलू पाटील, वसू महाराज, मंगेश देशमुख समेत अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।

मातोश्री के आदेश का पालन होगा : गुढे :शिवसेना के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद अनंत गुढे ने कहा कि शिवसेना उबाठा से अमरावती लोकसभा पर दिनेश बूब को उम्मीदवारी देने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे। बूब ने जो निर्णय लिया वह उनका व्यक्तिगत निर्णय है। शिवसेना हमेशा मातोश्री से आने वाले आदेशों का पालन करते हैम और करेंगे। इस बार महाविकास आघाड़ी का शिवसेना प्रचार करेगी।

भाजपा को मिला विकल्प: धाने पाटील : पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटील ने कहा है कि दिनेश बूब के निर्णय का महाविकास आघाड़ी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। बल्कि इसका लाभ उन्हें मिलेगा। राणा की उम्मीदवारी से नाराज भाजपा को बूब के रूप में एक विकल्प मिला है। जिससे हमारा मार्ग और आसान हो गया है।

सच्चा कार्यकर्ता जाने का दुख तो हुआ है : खराटे : शिवसेना जिला प्रमुख सुनील खराटे ने कहा है कि हर किसी को अपना निर्णय लेने का अधिकार है। किंतु बूब जैसा सच्चा कार्यकर्ता शिवसेना से जाने का दुख है। उनका मन परिवर्तन कर फिर शिवसेना में लाने का प्रयास करेंगे, लेकिन उनकी उम्मीदवारी का महाविकास आघाड़ी पर कोई असर नहीं होगा।

Created On :   30 March 2024 12:45 PM GMT

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