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Beed News: भक्तों की मनोकामना पूरी करता है माजलगांव का श्री खंडोबा भगवान

Beed News सुनील चौरे . जिले के स्थित माजलगांव के सभी भक्तो का आराध्य दैवत व कुलदैवत श्री खंडोबा भगवान मंदिर में नवरात्रि की तैयारियां पूरी हो चुकी है । 18 नवंबर को मंगलवार के दिन शुभमुहूर्त में महाभिषेक कर घटस्थापना के साथ विधिवत पूजा, अर्चना की जाएगी । नवरात्रि अवसर पर 18 नंवबर से 27 नंवबर तक मंदिर में दीपोत्सव , भगवान का विवाह ,महाप्रसाद समेत विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है ।
मणि और मल्ल नामक दो दैत्यों का वध करने के लिए शिव जी को श्री खंडोबा का अवतार लेना पड़ा : कृतयुग में मणिचूल पर्वत पर धर्मपुत्र सप्तर्षि तप कर रहे थे । वहां मणि और मल्ल नामक दो दैत्यों ने आकर उपद्रव करना आरंभ किया और ऋषि के तपोवन को ध्वस्त कर दिया ।तब शोकाकुल ऋषिइंद्र के पास गए । इंद्र ने कहा कि मणि -मल्ल दोनों दैत्यों को अमर रहने का वरदान ब्रम्ह्मा ने दे रखा है ।इस कारण उनका वध करने में असमर्थ हैं । उन्होंने ऋषि को विष्णु के पास जाने की सलाह दी । ऋषि विष्णु के पास गए जब विष्णु ने भी अपनी असमर्थता प्रकट की तब वे भोलेशंकर भगवान ( शिव )के पास आए । भोलेशंकर भगवान (शिव )जब ऋषि की दु:खगाथा सुनी तो वे दु:खी हुए और उन्होंने मणि और मल्ल के विनाश के लिए श्री खंडोबा भगवान का रूप धारण किया और कार्तिकेय नेतृ्त्व में अपने सात कोटि गणों को लेकर मणिचूल पर्वत पर पहुंचे । वहां उनका मणि-मल्ल के साथ तुमुल युध्द हुआ ।अंत में श्री खंडोबा भगवान ने मणि के वक्षस्थल को विदीर्ण कर दिया और वह भूमि पर गिर पड़ा । गिरने पर भोलेशंकर भगवान (शिव )से प्रार्थना की कि वह उसे अश्व के रूप में अपने निकट रहने की अनुमति दी ।श्री खंडोबा भगवान ने उसका अनुरोध स्वीकार किया । तबसे श्री खंडोबा भगवान को शिवजी का दूसरे अवतार से जाना गया व तबसे श्री खंडोबा भगवान की मंदिरों में आराधना की जाती है ।
मूर्ति घोड़े की सवारी करते एक योद्धा के रूप में स्थापित : खंडोबा मंदिर मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित है। पहला भाग मंडप कहलाता है जबकि दूसरे भाग में गर्भगृह है, जिसमें भगवान खंडोबा की मूर्ति स्थापित है। भगवान खंडोबा की मूर्ति घोड़े की सवारी करते एक योद्धा के रूप में है। उनके हाथ में राक्षसो को मारने के लिए कि एक बड़ी सी तलवार (खड्ग) है। वहां पर उनके पास उनकी पहली पत्नी मालसादेवी दूसरी पत्नी बाणुबाईदेवी विराजमान हैं व एक शिवलिंग है । भगवान खंडोबा के सामने एक नंदी है ।
बकरी का मांस भी भगवान को चढ़ाया जाता है : भगवान खंडोबा को एक उग्र देवता के रूप में माना जाता है, इसलिए इनकी पूजा के नियम बेहद ही कड़े हैं। किसी साधारण पूजा की तरह उन्हें हल्दी और फूल तो चढ़ाया ही जाता है, लेकिन कभी-कभी बकरी का मांस भी मंदिर के बाहर भगवान को चढ़ाया जाता है।
2100 दीपों की रोशनी से मंदिर जगमगाया था : नवरात्रि पर्व के दौरान भगवान श्री खंडोबा मंदिर में रात के समय भक्त 2100 दीप लगाकर सभी परिसर की बिजली बंद कर दी गई दूपो के रोशनाई में भगवान की आरती व आराधना की जाती है । माना जाता है कि इसी दौरान मन्नत मांगने पर मन्नत पूरी हो जाती है ।
नवरात्रि में भक्तो की कतार : भक्त नवरात्रि में खंडोबा भगवान का उपवास रखकर रोजाना मंदिर में जाकर दर्शन लेकर आराधना करता है ।माना जाता है कि जो भी भक्त पूरी श्रध्दा से उपवास रखकर मंदिर में जाकर आराधना करता है उसकी मन्नत पूरी हो जाती है ।
Created On :   15 Nov 2025 7:05 PM IST














