Beed News: डॉक्टर आत्महत्या मामले में नया मोड़ - पोस्टमार्टम में खामियों का आरोप, सुषमा अंधारे ने किए कई खुलासे

डॉक्टर आत्महत्या मामले में नया मोड़ - पोस्टमार्टम में खामियों का आरोप, सुषमा अंधारे ने किए कई खुलासे
  • सुषमा अंधारे ने पत्रकार परिषद में किए कई खुलासे
  • पोस्टमार्टम में खामियों का आरोप
  • फलटण में डॉक्टर आत्महत्या मामला नए मोड़ पर

Beed News. फलटण उपजिला अस्पताल में कार्यरत एक महिला डॉक्टर की कथित आत्महत्या के मामले ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। मूल रूप से बीड जिले की रहने वाली यह डॉक्टर पिछले दो वर्षों से फलटण उपजिला अस्पताल में सेवा दे रही थीं। अब इस प्रकरण ने नया मोड़ ले लिया है, क्योंकि कई लोग इसे हत्या का मामला करार दे रहे हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की नेता सुषमा अंधारे ने गुरुवार को बीड में आयोजित पत्रकार परिषद में इस मामले से जुड़ी कई गंभीर जानकारियां साझा कीं। उन्होंने आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम प्रक्रिया में कई त्रुटियां और अनियमितताएं हुईं।

पोस्टमार्टम प्रक्रिया पर सवाल

अंधारे ने बताया कि मृतका के भाई को पोस्टमार्टम के दौरान मौजूद रहने नहीं दिया गया और बंद कमरे में पोस्टमार्टम करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि “पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कई खामियां हैं, जिन पर सवाल उठाना जरूरी है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गन्ना मजदूरों के खिलाफ एफआईआर तो केवल दो मिनट में दर्ज की गई, लेकिन इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज करने में आठ घंटे की देरी की गई, जो संदिग्ध है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और अल्टीमेटम

सुषमा अंधारे ने बताया कि इस मामले को लेकर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने स्वयं उनसे बात की और महिला आयोग के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “हम अजीतदादा पर भरोसा करते हैं क्योंकि उन्होंने अपना वादा निभाया है।” उन्होंने आगे बताया कि उद्धव ठाकरे ने भी पीड़ित परिवार से फोन पर बातचीत कर कानूनी मदद का वादा किया है। उद्धव ने परिवार के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील की व्यवस्था करने की बात कही है।

अंधारे ने कहा कि यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की तो 2 नवंबर तक अल्टीमेटम दिया जाएगा और 3 नवंबर को फलटण पुलिस स्टेशन के सामने धरना आंदोलन किया जाएगा। गन्ना मजदूर का यह बेटा कर्मठ व्यक्ति था। सरकार और व्यवस्था को इस घटना पर शर्म आनी चाहिए। सिर्फ नाराजगी जताने से कुछ नहीं होगा। अगर तटकरे को पद पर बने रहना है तो उसे ऐसे व्यक्ति को पद से हटाना चाहिए जो कानूनी प्रक्रिया को बदनाम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह मामला आत्महत्या का है या हत्या का, लेकिन पोस्टमार्टम और जांच की प्रक्रिया पर कई गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

Created On :   30 Oct 2025 7:33 PM IST

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