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Chandrapur News: देश में बाघ कितने 2026 में होगी गणना, जुटे 19 बाघ अभयारण्यों के अधिकारी

- साझा रणनीति बनाई
- चंद्रपुर में जुटे 19 बाघ अभयारण्यों के अधिकारी
- बाघ अभयारण्यों के डेटा प्रस्तुत
Chandrapur News. मध्य भारत के 19 बाघ अभयारण्यों के अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक चंद्रपुर में हुई। इसमें बाघों की संख्या बढ़ाने और उनकी सुरक्षा पर अनुभवों का आदान-प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि 2026 में अखिल भारतीय बाघ गणना की जाएगी। बैठक में इसकी तैयारियों पर चर्चा हुई। इस दो दिवसीय बैठक में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ के बाघ अभयारण्यों के वरिष्ठ वन अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बाघ संरक्षण संबंधी चुनौतियों, प्रभावी प्रबंधन उपायों और बाघों के आवास को संरक्षित और बेहतर बनाने के तरीकों पर गहन चर्चा की गई। तय हुआ कि एक क्षेत्र के अनुभवों को दूसरे बाघ प्रकल्पों में भी अपनाया जाए।
ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प (टीएटीआर) और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने संयुक्त रूप से इसका आयोजन किया। मध्य भारत के बाघ क्षेत्र के क्षेत्र संचालकों की यह प्रादेशिक बैठक 1 और 2 जुलाई को चंद्रपुर के वन अकादमी में संपन्न हुई। बैठक में अतिरिक्त महासंचालक (प्रोजेक्ट टाइगर) व एनटीसीए के सदस्य सचिव डॉ. गोविंद सागर भारद्वाज, एनटीसीए (वन) महानिरीक्षक डॉ. संजयन कुमार, एनटीसीए सदस्य राहुल भटनागर, मध्य भारत क्षेत्र एनटीसीए (वन) के सहायक महानिरीक्षक नंदकिशोर काले सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बाघ अभयारण्यों के डेटा प्रस्तुत
बैठक के पहले दिन विभिन्न बाघ अभयारण्यों ने एम-स्ट्राइप्स डेटा की प्रस्तुति की। इसमें चरण-4 निगरानी प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन, बाघ मृत्यु दर रिपोर्ट की स्थिति और बाघ संरक्षण योजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई। स्पर्श पोर्टल के माध्यम से वार्षिक कार्य योजना प्रस्तुत करने, बाघ अभयारण्यों में गांवों का स्वैच्छिक पुनर्वास और प्रबंधन दक्षता मूल्यांकन (एमईई) पर भी चर्चा की गई। कुछ बाघ अभयारण्यों ने खरपतवार नियंत्रण और रेंजलैंड प्रबंधन में अभिनव पहल प्रस्तुत की। प्रतिनिधियों को ताड़ोबा-अंधारी बाघ रिजर्व में चारागाह प्रबंधन और आवास सुधार का व्यावहारिक प्रदर्शन भी दिखाया गया।
यह क्षेत्रीय बैठक राज्यों की सीमाओं से आगे जाकर बाघ संरक्षण के लिए समन्वय का महत्वपूर्ण मंच बन गई। 19 बाघ प्रकल्प के क्षेत्र संचालक और उपसंचालकों ने अनुभव साझा किये। बैठक के बाद सभी प्रतिनिधियों ने श्रद्धेेय अटलबिहारी वाजपेयी वन उद्यान विसापुर को भेंट दी। आनंद रेड्डी, उपसंचालक, ताड़ाेबा अंधारी बाघ प्रकल्प (कोर) ने बैठक के संबंधी में जानकारी प्रदान की।
अंतरराज्यीय समन्वय जरूरी
अतिरिक्त महासंचालक (प्रोजेक्ट टाइगर) डॉ. गोविंद सागर भारद्वाज ने कहा कि अंतरराज्यीय समन्वय को मजबूत कर खुफिया तकनीक में सुधार जरूरी है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी प्रणालियों को अपनाकर दीर्घकालिक आवास सुधार करना होगा। साथ ही, नुकसान पहुंचाने वाले पौधों पर नियंत्रण, सतत रेंजलैंड विकास और समुदाय आधारित उपायों के माध्यम से मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने पर विशेष जोर देना होगा।
Created On :   2 July 2025 10:12 PM IST