Chandrapur News: कृषि कार्य के नाम पर चंद्रपुर में ट्रैक्टरों का हो रहा व्यावसायिक इस्तेमाल

कृषि कार्य के नाम पर चंद्रपुर में ट्रैक्टरों का हो रहा व्यावसायिक इस्तेमाल
  • अन्य कई प्रकार की भी मिलती है सहूलियत
  • ग्रामीण इलाकों में करीब 200 ट्रैक्टर दौड़ रहे

Chandrapur News सरकार की ओर से कृषि कार्य के ट्रैक्टरों को आरटीओ पासिंग शुल्क में छूट दी गई है । वही अन्य कई प्रकार की सहूलियत मिलती है। लेकिन पडोली परिसर के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश कृषि प्रावधानों के ट्रैक्टर व्यवसायिक रेत, गिट्टी, मिट्टी की ढुलाई तथा ऐसे ही दूसरे व्यावसायिक कार्यों लिप्त पाए जा रहे हैं ।

हालांकि अब तक यातायात नियंत्रण विभाग के ध्यान में यह मामला नहीं आया है परंतु अब इस ओर गंभीरता से ध्यान देकर मुहिम छेड़ने की बात कही जा रही है। पडोली क्षेत्र म्हाड़ा परिसर के एमआईडीसी चंद्रपुर के आसपास इलाकों में करीब 4000 से ज्यादा ट्रैक्टर हैं । इनमें से कुछ कृषि कार्य के लिए तो कुछ व्यावसायिक प्रावधानों के लिए खरीदे गए हैं। जानकारी के अनुसार कृषक कार्यों वाले ट्रैक्टरों के के इंजन का पासिंग करना पड़ता है जो व्यवसायिक शुल्क के मुकाबला केवल 600 रुपए सालाना है। इसके साथ ही खेती का सातबारा प्रमाण पत्र दिखाने पर से उन्हें छूट रियायतें आदि मिल जाती हैं। वही व्यवसायिक ट्रैक्टर का सालाना टैक्स लगभग 31 हजार 500 रुपए होता है। लेेकिन कृषि प्रावधानों में आकर खरीदे गए अधिकांश ट्रैक्टर इन दोनों एमआईडीसी और व्यवसायिक जगहों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं।

सैकड़ों ट्रैक्टरों से गोरखधंधा: बताया जाता है कि चंद्रपुर एमआईडीसी म्हाड़ा एमआईडीसी ताड़ली परिसर 65 तथा ग्रामीण इलाकों में करीब 200 ट्रैक्टर कृषक प्रावधानों के होकर भी व्यावसायिक कार्यों में लिप्त होने की बात कही जाती है। इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। पडोली, बिचोड़ा, साखरवाही, घुग्घुस व दुर्गापुर परिसर में कई लोगों के कृषक प्रावधानों को दिखाकर ट्रैक्टर तो लिए हैं परंतु इसका उपयोग वे व्यावसायिक कार्यों में ही अधिक करते दिखाई दे रहे हैं।

सालाना लाखों की चपत : व्यावसायिक ट्रैक्टर की पासिंग के लिए करीब साढ़े 31000 रुपए लगते हैं । वहीं 20,000 रुपए टैक्स भी देना पड़ता है।जिन्होंने शुद्ध व्यावसायिक रूप से ही ट्रैक्टर लिए हैं वे इन सभी टैक्स का भुगतान कर रहे हैं परंतु जिन्होंने कृषक प्रावधानों को दिखाकर ट्रैक्टर लिए हैं प्रत्यक्ष व्यावसायिक कार्य शुरू किए हैं ऐसे सैकड़ों ट्रैक्टर इन सभी टैक्स से बच रहे हैं।

लंबे समय से बच रहे ट्रैक्टर मालिक : कई ट्रैक्टर तो ऐसे हैं जिन्होंने 20-20 वर्ष से कोई पासिंग ही नहीं की है। वास्तव में उनके कागजाताें की अक्सर जांच पड़ताल ही नहीं होती। यातायात नियंत्रण पुलिस जो आमतौर पर दोपहिया अन्य वाहनों को रोककर उन पर उचित कार्रवाई करती है उन्हें इस ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए ऐसी जानकारों का कहना है।

अब होगी जांच व कार्रवाई : अभी ऐसी कोई जानकारी हमें अप्रत्यक्ष रूप से मिल रही है। कृषक कार्यों के नाम पर लिए गए व सरकार की लाभकारी योजना लेने वाले ट्रैक्टरों को व्यवसाय कारों में लगाए जाने की बात गंभीर है। हम अब इस और गंभीरता से ध्यान देकर संभावितों की जांच व उचित कार्रवाई करेंगे -योगेश हिवसे, पड़ोली थानेदार



Created On :   19 Jun 2025 1:42 PM IST

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