Chandrapur News: चंद्रपुर के आसोलामेंढा नहर के ठेकेदार पर अब तक 41 करोड़ का जुर्माना

चंद्रपुर के आसोलामेंढा नहर के ठेकेदार पर अब तक 41 करोड़ का जुर्माना
  • प्रतिदिन 10 लाख रुपए का लगाया जा रहा जुर्माना
  • नए टेंडर जारी करने में आनाकानी
  • 35 किसानों ने मुख्यमंत्री से की शिकायत

Chandrapur News चंद्रपुर तहसील में गोसेखुर्द अंतर्गत असोलामेंढा नहर के निर्माण में देरी के कारण मेसर्स पीवीआर कंस्ट्रक्शन कंपनी पर 41 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। प्रतिदिन 10 लाख रुपए के जुर्माने के बावजूद कंपनी ने काम पूरा नहीं किया है। नियमानुसार, अगर जुर्माना सुरक्षा राशि से अधिक है, तो अनुबंध रद्द कर नया टेंडर जारी किया जाना चाहिए। हालांकि, गोसेखुर्द परियोजना के अधीक्षक अभियंता राजेश गोविंद पाटील जानबुझकर कार्रवाई नहीं कर रहे ऐसा आरोप लगाते हुए 35 किसानों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से शिकायत की है। अक्टूबर 2018 में गोसेखुर्द परियोजना अंतर्गत असोलामेंढा परियोजना की मुख्य नहर येरगांव, खेड़ी, भेजगांव, बाबरला, गड़ीसुर्ला, बंेबाल चक, सावली क्रमांक 9, 10, 11, 11 (ए) का काम आंध्रप्रदेश की एम.पी.वी.आर. कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया था।

कछुआ गति से चल रही अनुबंध रद्द करने की प्रक्रिया : जब किसानों ने सावली स्थित असोलामेंढा कार्यालय में पूछताछ की तो पता चला कि ठेकेदार ने काम पूरा नहीं किया है। मार्च 2024 से जुर्माना लगाया जा रहा है। लेकिन अनुबंध रद्द करने की प्रक्रिया कछुआ गति से चल रही है। कार्यकारी अभियंता ने टेंडर निरस्त करने का प्रस्ताव बोर्ड को भेजा है। लेकिन अधीक्षक अभियंता पाटील द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने से प्रक्रिया रुकी हुई है। किसानों ने मुख्यमंत्री को लिखित शिकायत देकर पाटील के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और काम जल्द पूरा करने की मांग की है।

सिंचाई के अभाव में सूख जाती है फसल : इससे 4,406 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा और 5,776 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता का निर्माण होने की उम्मीद थी। आठ साल बाद भी काम अधूरा होने से किसानों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। धान यहां की मुख्य फसल है। लेकिन सिंचाई के अभाव में यह सूख जाती है जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। इस पिछड़े क्षेत्र के किसानों पर भूखमरी की स्थिति निर्माण हुई है।

प्रक्रिया चल रही है : ठेकेदार ने आधा-अधूरा काम छोड़ दिया है। बाकी आधा काम भूमिगत पाइप-लाइन बिछाकर पूरा किया जाएगा। इसके लिए नया टेंडर तैयार किया जाना है। अभी प्रक्रिया चल रही है। किन नियमों के तहत काम रद्द कर नया टेंडर जारी किया जाएगा, इसका अध्ययन किया जा रहा है। अक्टूबर के बाद काम शुरू होगा। काम छोड़कर जाने वाले ठेकेदार पर प्रतिदिन 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। -राजेश पाटील, अधीक्षक अभियंता, गोसेखुर्द प्रकल्प, नागपुर


Created On :   20 Jun 2025 1:55 PM IST

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