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शाला बाहृय विद्यार्थियों की तलाश में जिले की खाक छान रहे शिक्षक
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। शाला बाहृय, अनियमित व स्थलांतरित परिवारों के शिक्षा से वंचित बालकों को शिक्षा के मुख्य प्रवाह में लाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत शाला बाहृय विद्यार्थियांे की खोज में शिक्षक निकल पड़े हैं। जहां-जहां पर स्थलांतरित बस्तियां, बस स्थानक व रेलवे स्टेशन परिसर में शाला बाहृय विद्यार्थियां की खोज कर उनके अभिभावको को मार्गदर्शन कर रहे हैं। लेकिन इस अभियान से शाला बाहृय विद्यार्थियांे पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। बता दें कि कोई भी बालक शिक्षा से वंचित ना रहे इस उद्देश्य को लेकर शासन ने शिक्षा का अधिकार कानून अमल मंे लाया है। इस कानून के तहत 6 वर्ष से 14 वर्ष आयु के बालको को शिक्षा से वंचित रखा नहीं जा सकता। लेकिन परस्थितियां आड़ आने से हजारों परिवार रोजगार के लिए अपने छोटे बच्चों को लेकर अन्य प्रांतों में स्थलांतरित करते हैं। जिस कारण सैकड़ों बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। लेकिन इन बच्चों को शिक्षा के मुख्य प्रवाह में लाने के लिए शिक्षा विभाग एक अभियान चलाकर बच्चो की खोज मंे निकल पड़ता है। गोंदिया शिक्षा विभाग ने इस अभियान को शुरू कर समग्र शिक्षा अभियान के विशेषज्ञ तथा शिक्षक झुग्गी झोपड़ियों, स्थलांतरित बस्तियां, रेलवे परिसर तथा बस स्थानक इलाके में जाकर शाला बाहृय विद्यार्थियों की खोज कर रहे है तथा अभिभावको को शिक्षा का महत्व बता रहे हैं। गोरेगांव के श्रीरामपुर समीप स्थलांतरित बस्ती मंे पहुंचकर दो शाला बाहृय बच्चो को स्कूल में दाखिला देकर उनके अभिभावको को शिक्षा का महत्व बताया गया है लेकिन इस तरह के अभियान से शाला बाहृय बच्चों पर नियंत्रण पाना असंभव है क्यांेकि स्थलांतरित परिवारों के सामने ऐसी कुछ परिस्थितियां सामने आ जाती है कि मजबूरन अपने छोटे-छोटे बच्चों को साथ मंे लेकर अन्य प्रांतो में रोजगार के लिए स्थलांतरित होना पड़ता है।
Created On :   25 Aug 2023 5:52 PM IST