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समर्पण: मुख्यधारा में शामिल होंगे 19 लाख के इनामी नक्सली दंपति
- 19 लाख के इनामी नक्सली दंपति
- मुख्यधारा में शामिल होंगे
- गोंदिया, गड़चिरोली केे माओवादी गतिविधियों में रहे शामिल
- पुलिस प्रशासन ने दी जानकारी
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. देश में माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण लगे एवं अधिक से अधिक संख्या में माओवादियों का आत्मसमर्पण कराकर उन्हें विकास की मुख्य धारा में शामिल कर उनके सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा नक्सल आत्मसमर्पण योजना क्रियान्वित की गई है। शासन की इस योजना के तहत 19 लाख रुपए के इनामी नक्सल दम्पति ने हाल ही में गोंदिया के जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे, पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करनेवाले नक्सलियों में देवरी दलम का कमांडर रहा लच्छु उर्फ लच्छन उर्फ सुकराम सोमारू कुमेटी(39) एवं देवरी दलम की सदस्य कमला उर्फ गौरी उर्फ मेहत्री सामसाय हलामी(36) का समावेश है। आत्मसमर्पित देवरी दलम कमांडर लच्छु उर्फ सुकराम कुमेटी पर 16 लाख रुपए एवं उसकी पत्नी देवरी दलम सदस्य कमला उर्फ गौरी उर्फ मेहत्री सामसाय हलामी पर 3 लाख रुपए का इनाम घोषित था। यह जानकारी पुलिस प्रशासन की ओर से दी गई है। बताया गया कि लच्छु उर्फ लच्छन कुमेटी वर्ष 1999 में माओवादी संगठन में भर्ती हुआ था। इसके बाद उसने अबुझमाड में प्रशिक्षण लेकर स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर शेखर उर्फ सायन्ना के अंगरक्षक के रूप में काम किया। उसी प्रकार केसकाल दलम, कोंडगांव दलम(छत्तीसगढ़), कोरची, खोब्रामेंढा (गड़चिरोली) एवं गोंदिया के देवरी दलम में उपकमांडर के पद पर काम किया है। नक्सल दलम में किए गए उसके कार्य को देखते हुए उसे देवरी दलम का कमांडर बनाया गया था। उसके खिलाफ गोंदिया जिले में मुठभेड़ एवं विध्वंश के कुल 6 मामले दर्ज है। उसी प्रकार कमला सामसाय हलामी यह वर्ष 2001 में खोब्रामेंढा दलम में शामिल हुई थी। जिसके बाद उसे उत्तर बस्तर व बालाघाट, मध्यप्रदेश के जंगल में भेजकर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उसने दलम सदस्य के रूप में कोरची, खोब्रामेंढा, चारभट्टी दलम, प्लाटुन-ए गडचिरोली, गोंदिया में देवरी दलम में काम किया है। उसके खिलाफ गोंदिया जिले में मारपीट, पुलिस पार्टी पर फायरिंग समेत कुल 8 मामले दर्ज है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कमला की तबीयत खराब होने से उसे उपचार के लिए सूरत भेजा गया था। वहां से वापस आने के बाद भी उसकी तबीयत ठीक नहीं रहती थी। जिससे उसने दलम छोड़ने का फैसला किया तथा इस बारे में अपने पति से बार-बार यह बात कहती थी। अंतत: दोनों ने दलम छोड़ने का निर्णय लेकर गोंदिया जिला पुलिस से संपर्क किया तथा खुद का आत्मसमर्पण करने की बात कहीं।
दम्पति को मिलेंगेे साढ़े 11 लाख रुपए
राज्य शासन की आत्मसमर्पण योजना के अंतर्गत आत्मसमर्पित लच्छु उर्फ लच्छन उर्फ सुकराम कुमेटी को राज्य सरकार की आेर से 3 लाख रुपए एवं केंद्र सरकार के एसआरई योजना के अंतर्गत ढाई लाख रुपए इस तरह कुल मिलाकर 5 लाख 50 हजार रुपए तथा कमला उर्फ गौरी को 4 लाख 50 हजार रुपए साथ ही दोनों पति-पत्नी द्वारा एक साथ आत्मसमर्पण करने के कारण अतिरिक्त 1 लाख 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। इस समय जिलाधिकारी चिन्मय गोतमारे, पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले, अपर पुलिस अधीक्षक अशोक बनकर ने माओवादियों से हिंसा का मार्ग छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने एवं शासन के विविध योजनाओं का लाभ लेकर अपना जीवन सुखी बनाने का आह्वान किया है।
Created On :   27 Sept 2023 5:48 PM IST