गोंदिया: नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व में फिर छोड़े जाएंगे बाघ

नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व में फिर छोड़े जाएंगे बाघ
  • दो में एक बाघिन का मप्र में लोकेशन
  • नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व
  • बाघ छोड़े जाएंगे
  • दो में एक बाघिन का मप्र में लोकेशन

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार की मुख्य उपस्थिति में 7 माह पूर्व ही चंद्रपुर जिले के ब्रह्मपुरी जंगल से दो बाघिनों को पकड़कर नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया था। जिससे इस अभयारण्य की शान और भी बढ़ गई। फिर से इस अभयारण्य में और तीन बाघों को छोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहां बता दें कि ताड़ोबा व्याघ्र प्रकल्प की तर्ज पर नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व को विकसित करने के लिए अन्य स्थानों से बाघों को स्थलांतरित किया जा रहा है। वर्तमान में नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व में लगभग 16 बाघ होने की जानकारी दी जा रही है। जिनमें से लगातार 11 बाघों के दर्शन पर्यटकों को हो रहे हैं। नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व को विकसित करने के लिए 20 मई 2023 को मंत्री मुनगंटीवार की उपस्थिति में दो बाघिनों को छोड़ा गया था। हालांकि इस टाइगर रिजर्व में चरणबद्ध तरीके से 5 बाघों को लाने की योजना है। जिनमें से दो बाघिनों को पहले चरण में छोड़ दिया गया है और दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिसमें एक बाघ को इस टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा। इस तरह की जानकारी नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व की ओर से दी गई है।

चरवाहों की भूमिका भी महत्वपूर्ण

व्याघ्र प्रकल्प से सटे ग्रामों के चरवाहों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। बताया जा रहा है कि लगभग 6 से 8 घंटे चरवाहे पशुधनों को जंगलों में चराते है। इस दौरान उन्हें वन्यजीवों की हलचल तथा जानकारी होती हंै। वन्यजीवों के प्रति चरवाहों की भूमिका महत्वपूर्ण है। वन्यजीवों से उन्हें क्या समस्या निर्माण होती है और क्यो होती है, इसकी जानकारी नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व की ओर से हासिल की जा रही हंै।

जल्द ही इस क्षेत्र से जुड़े चरवाहों की सूची संकलित करने काम विभाग द्वारा किया जा रहा हंै। चरवाहो के साथ विभाग के माध्यम से संपर्क कर उनसे सुझाव तथा उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया जाएगा। इस विषय को लेकर जल्द ही पांगड़ी क्षेत्र में सभा का आयोजन किए जाने की योजना नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व की ओर से तैयार की जा रही हंै।

दो में एक बाघिन का मप्र में लोकेशन

मई 2023 में नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व में चंद्रपुर जिले के ब्रह्मपुरी जंगल से पकड़कर दो बाघिनों को छोड़ा गया था। लेकिन कुछ दिनों के बाद ही दो में से एक बाघिन इस क्षेत्र को छोड़कर मध्यप्रदेश राज्य के बालाघाट, वारासिवनी जंगल क्षेत्र में चली गई है। तब से उसी क्षेत्र में बाघिन का लोकेशन देखा जा रहा हंै। वहीं एक बाघिन नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व में ही विचरण कर रही है।

प्रक्रिया शुरू है

पवन जेफ, उपसंचालक, नवेगांव-नागझिरा टायगर रिजर्व के मुताबिक नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व में 5 बाघों को छोड़ने की योजना है। जिसे चरणबद्ध तरीके से छोड़ा जाएगा। 5 बाघों में से 2 बाघिनों को पहले ही छोड़ा गया है। अन्य बाघों को भी छोड़ने के लिए विभाग की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

Created On :   19 Dec 2023 12:20 PM GMT

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