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नॉकआउट डिजिटल फ्रॉड: सायबर क्राइम समाज के सामने बड़ी चुनौती, इसे दूर करना हमारी जिम्मेदारी – पुलिस उपायुक्त राजेश डांडोटिया

- इंदौर में आयोजित जनजागृति अभियान, बजाज फाइनेंस के १०० शहरों में चल रहे साइबर सुरक्षा कार्यक्रम का हिस्सा है।
- इस अभियान के तहत नागरिकों और कॉलेज विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की साइबर और डिजिटल धोखाधड़ी की जानकारी देकर, अपनी डिजिटल संपत्ति सुरक्षित रखने के उपाय बताए जाते हैं।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। भारत की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की नॉन-बैंकिंग वित्तीय कंपनी और बजाज फिनसर्व का हिस्सा बजाज फाइनेंस लिमिटेड (बीएफएल) ने आज मध्यप्रदेश के इंदौर में "नॉकआउट डिजिटल फ्रॉड" नामक साइबर धोखाधड़ी जागरूकता अभियान आयोजित किया। डिजिटल उपयोगकर्ताओं को विभिन्न खतरों के बारे में जानकारी देना और खुद की सुरक्षा के सही तरीके समझाना इस कार्यक्रम का उद्देश्य था।
रिजर्व बैंक ने पिछले वर्ष एनबीएफसी क्षेत्र के लिए ‘फ्रॉड रिस्क मैनेजमेंट’ संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए थे। उसी के अनुरूप यह अभियान चलाया गया। इसमें धोखाधड़ी की त्वरित पहचान, कर्मचारियों की जिम्मेदारी और जनसहभागिता पर विशेष जोर दिया गया। इस पहल का मकसद डिजिटल दुनिया को सुरक्षित बनाना है।
कार्यक्रम में बोलते हुए साइबर क्राइम विभाग के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश डांडोटिया ने कहा, “साइबर क्राइम आज समाज के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। जिस तरह हम अपना शहर साफ-सुथरा रखते हैं, उसी तरह हमें डिजिटल दुनिया को भी स्वच्छ और सुरक्षित बनाने का संकल्प लेना होगा। इंदौर को साइबर अपराध रोकथाम में आदर्श शहर बनना चाहिए।”
“भारत का सबसे स्वच्छ शहर माने जाने वाला इंदौर अब साइबर-जागरूक शहर के रूप में भी आगे आ रहा है। साइबर धोखाधड़ी रोकथाम के लिए चलाए गए विभिन्न उपक्रमों और जागरूकता कार्यक्रमों से यह संभव हुआ है। ‘डिजिटल सुरक्षा’ अभियान साइबर धोखाधड़ी रोकने की दिशा में एक सक्रिय और शैक्षिक पहल है। शिक्षा, तकनीक, कानून का पालन और समाज की भागीदारी – इन चारों को जोड़कर इंदौर ने भारत में साइबर अपराध रोकथाम का नया आदर्श स्थापित किया है,” डांडोटिया ने बताया।
निवृत्त न्यायमूर्ति विष्णुशंकर सोनी ने कहा, “साइबर क्राइम केवल तकनीकी खतरा नहीं, बल्कि सामाजिक चुनौती भी है। नागरिक के रूप में हमें जैसे रोजमर्रा की जिंदगी में सावधान रहना होता है, वैसे ही ऑनलाइन दुनिया में भी सतर्क रहना चाहिए। कानून अपराधियों को सजा दे सकता है, लेकिन असली सुरक्षा की पहली दीवार है – जागरूकता। इंदौर की यह पहल डिजिटल जिम्मेदारी की भावना बढ़ाने वाली और समय की जरूरत है।”
इस मौके पर बजाज फाइनेंस लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा, “हमारे ग्राहकों की आर्थिक सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च है। इसी कारण हम सोशल मीडिया, ऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यमों और सीधे नागरिकों से संवाद के जरिए लगातार साइबर सुरक्षा पर जागरूकता बढ़ाने का काम कर रहे हैं।”
कार्यक्रम में पूर्व पुलिस महानिरीक्षक भागवत चौहान, पूर्व पुलिस उपअधीक्षक विजय डेविड और संस्थान के प्राध्यापक उपस्थित थे।
"नॉकआउट डिजिटल फ्रॉड" अभियान के तहत व्यक्तिगत और संवेदनशील जानकारी सुरक्षित रखने के टिप्स दिए जाते हैं। इसमें ओटीपी, पिन साझा न करना, संदिग्ध ईमेल/एसएमएस/लिंक/क्यूआर कोड पर क्लिक न करना और अनजान ऐप डाउनलोड न करना जैसी सावधानियों की जानकारी दी जाती है। साथ ही बड़े शहरों और गांवों में कार्यशालाएं, डिजिटल जागरूकता अभियान और सामुदायिक संपर्क कार्यक्रम भी कंपनी की ओर से आयोजित किए जाते हैं।
Created On :   3 Sept 2025 4:59 PM IST