सीएम राइज स्कूल: जिले के 10 में से सिर्फ 3 स्कूलों की ही बिल्डिंग बनाने का अभी शुरू हो पाया काम

सीएम राइज स्कूल: जिले के 10 में से सिर्फ 3 स्कूलों की ही बिल्डिंग बनाने का अभी शुरू हो पाया काम
दावा: निजी स्कूलों जैसी व्यवस्था का हकीकत: न भवन न ही बस सुविधा

डिजिटल डेस्क,जबलपुर।

सीएम राइज स्कूलों को निजी स्कूलों जैसी सुविधाएँ देने का दावा किया जा रहा है। स्थिति यह है कि एक वर्ष से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी सीएम राइज स्कूलों के पास न तो भवन हैं और न ही बच्चों के आवागमन के लिए बस की सुविधा उपलब्ध हो पाई है। एक वर्ष तो विद्यार्थियों ने निकाल लिया है। नए शैक्षणिक सत्र में भी स्कूलों को भवन मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है, अभी तक 10 में से सिर्फ तीन स्कूलों में ही निर्माण का काम शुरू हो पाया है। बाकी स्कूलों के लिए या तो जमीन खोजी जा रही है या फिर प्रस्ताव तैयार हाे रहा है। सीएम राइज स्कूलों की जब शुरुआत हुई उस समय कहा जा रहा था कि ये निजी स्कूलों से भी बेहतर बनेंगे। अभिभावकों ने यही सोचकर बच्चों को इन स्कूलों में एडमिशन दिला दिया। पहले वर्ष पुराने भवनों में ही सीएम राइज स्कूल संचालित हुए। उन्हीं स्कूलों के भवनों को थोड़ा बहुत आकर्षक बनाकर काम चलाया गया। इस बीच नए भवन को लेकर प्रक्रिया हुई। स्थानीय स्तर पर जमीन और जरूरी डीपीआर बनाकर भोपाल से इसकी मंजूरी होना है।

क्या है सीएम राइज स्कूलों को खोलने का उद्देश्य

कक्षा नर्सरी से लेकर 12वीं तक के एकीकृत विद्यालय का संचालन। सीबीएसई मान्यता शालाओं के रूप परिवर्तन करना।

विद्यालय 21वीं सदी की क्षमताओं के साथ विकसित करने हेतु आधुनिक उपकरणों और तकनीक से लैस करना।

विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए खेलकूद/सांस्कृतिक एवं साहित्यिक आदि गतिविधियों के लिए बड़े विद्यालय को विकसित कर उपयुक्त वातावरण का निर्माण करना।

स्कूलों में भौतिक एवं मानवीय संसाधनों में वृद्धिकर उनका समुचित उपयोग करते हुए पालकों में अशासकीय विद्यालयों के प्रति बढ़ रहे आकर्षण को रोका जाना।

नर्सरी से 12वीं तक हिन्दी माध्यम के साथ-साथ अंग्रेजी माध्यम की कक्षाओं का संचालन।

यहाँ शुरू हुआ काम

जिले में अभी बरेला, मझौली और कुंडम में सीएम राइज स्कूल के भवन बनाने का काम शुरू हो गया है। वहीं करौदी ग्राम स्कूल के लिए अभी उपयुक्त जमीन चिन्हित की जा रही है। इसके अलावा अन्य छह स्थानों के लिए जमीन मिल चुकी है लेकिन प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं मिली है। बरेला में बन रहे भवन की लागत 72.76 करोड़ रुपए है। इसके अलावा अन्य स्कूलों की 25 से 45 करोड़ के आसपास निर्माण लागत आने की बात कही जा रही है।

Created On :   3 July 2023 8:01 AM GMT

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