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Jabalpur News: भोपाल भेजा गया ब्रेन डेड बुजुर्ग का दिल... लीवर गया इंदौर

jabalpur News। जीते जी ईश्वर की सेवा में दो दशक से ज्यादा बिताने वाले वाले बुजुर्ग ने मानवता की सेवा करते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया। हनुमान मंदिर के सेवक रहे 61 वर्षीय बुजुर्ग बालिराम पटेल दो जिंदगियों के लिए संकट मोचक बन गए। सड़क हादसे में ब्रेन डेड घोषित होने के बाद उनके परिवार के सदस्यों ने अंगदान करने का निर्णय लिया, जिसके बाद इंदौर और भोपाल मंे उपचार करा रहे दो व्यक्तियों को नई जिंदगी मिल गई। गुरुवार को नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज से पहली बार एक साथ दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए और ब्रेन डेड बुजुर्ग की हार्ट भोपाल और लीवर इंदौर भेजा गया। पहला ग्रीन कॉरिडोर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल से डुमना एयरपोर्ट तक और दूसरा सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल से बरगी हिल्स के नजदीक बनेे हैलीपैड तक बनाया गया। हार्ट को विमान और लीवर को हैलीकॉप्टर के जरिए भेजा गया। ऑर्गन डोनेशन के लिए भोपाल और इंदौर के चिकित्सकों की टीम सुबह सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल पहुँच गई थी। सुबह बॉडी से पहले हार्ट और फिर लीवर को निकालकर ग्रीन कॉरिडोर के जरिए रवाना किया गया। वहीं पीएम के बाद बुजुर्ग के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ परिजनों को सौंपा गया और एम्बुलेंस के माध्यम से पैतृक गाँव भेजा गया।
नहीं निकाली जा सकीं किडनी
बुजुर्ग के शरीर से हार्ट और लीवर के साथ किडनी भी डोनेट किए जाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन तड़के सुबह 4 बजे बीपी कम होने और यूरिन न बनने के चलते किडनी ने काम करना बंद कर दिया। इसकी सूचना भोपाल भेजी गई।
कब, कहाँ, कैसे हुआ... जाने ऑर्गन रिट्रीवल की टाइम लाइन
- 21 जनवरी शाम 7 बजे सूरतलाई मंे बुजुर्ग का एक्सीडेंट
- उसी दिन रात 1 बजे रात में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल मंे एडमिशन
- 22 जनवरी सुबह 9 बजे परिजनों को दी गई ब्रेन डेड होने की जानकारी
- चिकित्सकों ने अंगदान करने के लिए काउंसलिंग की, परिजन हुए तैयार
- 5 डॉक्टरों की टीम ने दोपहर 1:30 बजे पहले एप्निया टेस्ट किया, किया ब्रेन डेड घोषित
- चिकित्सकों ने अंगदान के लिए कार्य करने वाली संस्था सोलो काे जारी किया अलर्ट
- 6 घंटे बाद 7:30 बजे दोबारा चिकित्सकों ने एप्निया टेस्ट किया और अंतिम बार ब्रेन डेड घोषित किया
- सोलाे के पास अलर्ट पहुँचने के बाद जरूरतमंद मरीजों को किया गया शॉर्ट लिस्ट
- जिले के स्वास्थ्य विभाग और पुलिस-प्रशासन को दी गई सूचना
- भोपाल एम्स से रात 3 बजे सुपर स्पेशिएलिटी पहुँची हार्ट रिट्रीवल के लिए टीम
- 23 जनवरी को चोइथराम अस्पताल इंदौर की टीम सुबह 8 बजे लीवर रिट्रीवल के लिए पहुँची
- सबसे पहले 10:13 बजे डुमना के लिए रवाना किया हार्ट
- इसके बाद 10:44 बजे अस्थाई हैलीपैड के लिए भेजा गया लीवर
बॉडी को स्थिर रखने की थी चुनौती
डॉ. फणीन्द्र सोलंकी ने बताया कि परिजनों द्वारा अंगदान करने का निर्णय लेने के बाद सबसे बड़ी चुनौती शरीर को अंग निकाले जाने तक स्थिर रखने की थी, क्याेंिक ऐसे में शरीर की स्थिति बिगड़ने के चांस रहते हैं। चिकित्सकों की एक टीम अंग निकाले जाने तक इस कार्य मंे लगी रही, जिसके बाद हार्ट और लीवर रिट्रीव किए जा सके। सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के डॉ. तुषार, डॉ. जितिन बजाज, डॉ. अमित जैन, डॉ. कमल बघेल ने यह जिम्मेदारी निभाई। भोपाल से आई टीम में डॉ. योगेश निवारिया, डॉ. राहुल शर्मा, दिनेश मीना, ललित और इंदौर से आई टीम में डॉ. सुदेश शारदा, डॉ. नारसी, जादू परिहार और लकी शामिल रहे।
रात भर चली ग्रीन कॉरिडोर की तैयारी
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने बताया कि अंगदान के निर्णय के बाद राज्य स्तर पर सूचना दी गई। सीएम डॉ. मोहन यादव और डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने मामले पर संज्ञान लेकर तुरंत कार्य करने के निर्देश दिए। राज्य शासन द्वारा एयर एम्बुलेंस और हैलीकॉप्टर उपलब्ध कराया गया। अंगों को सही सलामत ग्रीन कॉरिडोर के जरिए पहुँचाने के लिए रात भर तैयारी की गई। अस्थाई हैलीपैड बनाया गया। सबसे पहले भोपाल में एक मरीज को हार्ट लगाया गया, वहीं कुछ घंटों बाद इंदौर मंे भी लीवर ट्रांसप्लांट कर दिया गया।
ईश्वर सेवा में लगा मन तो छोड़ा घर, 15 दिन पहले होकर आए
मृतक के भतीजे हरिनारायण पटेल और विजय पटेल ने बताया कि स्व. बालिराम मूलत: सागर जिले के मनक्याई गाँव के रहने वाले थे। वर्ष 2000 में उन्होंने घर छोड़ दिया था और मथुरा चले गए। उन्होंने विवाह नहीं किया। ईश्वर सेवा मंे मन लगने के बाद करीब 15 वर्ष पहले जबलपुर के सूरतलाई स्थित हनुमान मंदिर में सेवक के रूप में कार्य कर रहे थे। दिव्यांग होने के कारण ट्राइसाइकिल का उपयोग करते थे। 21 जनवरी को रोड क्रॉस करते वक्त एक मोटरसाइकिल से टक्कर लगने के बाद उन्हें पहले एक निजी अस्पताल और फिर सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल में भर्ती किया गया। चिकित्सकों के समझाने पर अंगदान का निर्णय लिया। 15 दिन पहले ही वे गाँव आए थे।
पुलिस-प्रशासन-स्वास्थ्य, तीनों अमले रहे सक्रिय
पूरी प्रक्रिया स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी, कमिश्नर जबलपुर अभय वर्मा, कलेक्टर जबलपुर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय, सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा, डीन डॉ. नवनीत सक्सेना, अधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा, अनुराग कोठारी एयरपोर्ट, कार्यपालन यंत्री शिवेन्द्र सिंह, एसडीएम आरएस मरावी के मार्गदर्शन में पूरी हुई। सीएसपी गढ़ा डीएस चौहान, डीएसपी यातायात बैजनाथ प्रजापति तथा टीआई संजीवनी नगर बीडी द्विवेदी सतत् रूप से सकिय रहे।
Created On :   23 Jan 2025 10:03 PM IST