Jabalpur News: रेलवे की इलेक्ट्रिक लाइन में कमी आने पर 100 की रफ्तार से दौड़ती है टॉवर वैगन

  • पमरे में 4 और 8 व्हीलर आधुनिक गाड़ी से हो रहा लाइनों का मेंटेनेंस
  • टॉवर वैगन का मुख्य कार्य ओवर हेड उपकरणों पर कर्षण तार का रखरखाव करना
  • जबलपुर मंडल में अभी तक दो दर्जन से ज्यादा जगह फॉल्ट आने पर इस वैगन ने तत्काल पहुंचकर निराकरण किया।

Jabalpur News: पहले भाप इंजन चलते थे, इसके बाद डीजल इंजन से ट्रेनें दौड़ती थीं और अब हर जगह इलेक्ट्रिक लाइन हो गई है जिससे गाड़ियों की रफ्तार भी बढ़ गई है। हालांकि इन लाइनों में पूरे समय करंट दौड़ता रहता है और इनके मेंटेनेंस की भी ज्यादा जरूरत होती है। इसके लिए पश्चिम मध्य रेलवे के पास 4 और 8 व्हीलर टाॅवर वैगन की सुविधा दी गई है। चाहे इलेक्ट्रिक लाइन का मेंटेनेंस हो या फिर तार टूटने की घटना, यह टॉवर वैगन सौ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ती है और त्वरित कार्रवाई करती है।

कहीं भी ओएचई लाइन में फाल्ट आने पर ट्रेनें थम जाती हैं और यात्रियों को परेशानी होती है। ऐसे समय में इस वैगन का महत्व और बढ़ जाता है। यही कारण है कि इस टॉवर वैगन को इसी तरह तैयार किया गया है कि इसको ट्रैक पर दोनों तरफ से चलाया जा सकता है। जबलपुर मंडल में अभी तक दो दर्जन से ज्यादा जगह फॉल्ट आने पर इस वैगन ने तत्काल पहुंचकर निराकरण किया।

करंट दाैड़ते तारों में भी सुधार आसान

टॉवर वैगन का मुख्य कार्य ओवर हेड उपकरणों पर कर्षण तार का रखरखाव करना, सभी ओएचई पैरामीटर के मेजरमेंट, खराब उपकरणों पर ध्यान देना, क्षतिग्रस्त ओएचई की बहाली आदि को ठीक करना है। टाॅवर वैगन कार से चालू लाइन में भी निरीक्षण और सुधार करना आसान होता है।

जबलपुर मंडल के पास 27 टॉवर वैगन

जबलपुर मंडल में 27 टॉवर वैगन हैं। जिसमें 4 व्हीलर टॉवर वैगन (जबलपुर में 5, भोपाल में 9 एवं कोटा में 6) हैं, वहीं 8 व्हीलर टॉवर वैगन (जबलपुर में 22, भोपाल में 19 एवं कोटा में 17) इस तरह 58 टॉवर वैगन कमीशन किए गए हैं। इसके लिए अलग-अलग मुख्य स्टेशनों पर मेंटेनेंस डिपो हैं।

Created On :   27 Aug 2025 2:39 PM IST

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