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Jabalpur News: मासूमों की मौत से लोग दहल गए, पर नहीं जागे जिम्मेदार अभी भी कई जगह ऐसे ही खुले पड़े जानलेवा सेप्टिक टैंक

Jabalpur News: मनमोहन नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के खुले पड़े सेप्टिक टैंक में दो बच्चों की बलि के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेते हैं। सोमवार को पड़ताल की गई तो शहर के कई सार्वजनिक स्थानों पर मौत के ये टैंक खुले नजर आए। हद तो यह है कि मेडिकल कॉलेज परिसर, विक्टोरिया अस्पताल, मांडवा बस्ती समेत कई सार्वजनिक जगहों पर कमोवेश एक जैसे हालात नजर आए।
लोगों का कहना था कि इन स्थानों पर जरा सी भी चूक जानलेवा साबित हो सकती है। खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को इससे विशेष खतरा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि शहर में हुए एक बड़े दर्दनाक हादसे के बाद भी प्रशासनिक तौर पर अभी तक खुले पड़े टैंक और खतरनाक गड्ढों को भरने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। मौत के इन गड्ढों को जल्द बंद किया जाना चाहिए।
मेडिकल कॉलेज के खुले सेप्टिक टैंक में मिली थी महिला की लाश
मेडिकल कॉलेज परिसर में आश्रय स्थल के समीप लंबे समय से सेप्टिक टैंक खुला हुआ है। चौंकाने वाली बात यह है कि 6 माह पहले इसी सेप्टिक टैंक में एक महिला की लाश मिली थी। इसके बाद भी सेप्टिक टैंक को बंद नहीं किया गया। मनमोहन नगर अस्पताल की घटना के बाद भी मेडिकल कॉलेज परिसर का सेप्टिक टैंक खुला हुआ है।
मांडवा बस्ती की किसी को भी परवाह नहीं
रामपुर क्षेत्र की मांडवा बस्ती में पांच सेप्टिक टैंक खुले हुए हैं, जो कभी भी जानलेवा हो सकते हैं। क्षेत्रीय नागरिक कई बार निगम के अधिकारियों से सेप्टिक टैंक बंद कराने की गुहार लगा चुके हैं। इसके बाद भी ये बंद नहीं किए जा रहे।
विक्टोरिया अस्पताल: किसी को भी सेप्टिक टैंक बंद कराने की चिंता नहीं
विक्टोरिया अस्पताल परिसर में लंबे समय से सेप्टिक टैंक खुले हुए हैं। रोजाना यहां पर बड़ी संख्या में लोग आते हैं। अस्पताल के किसी भी अधिकारी को सेप्टिक टैंक बंद कराने की चिंता नहीं है। लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन गंभीर लापरवाही बरत रहा है।
बर्न कंपनी परिसर में घटना के बाद दहशत का माहौल
कांचघर के समीप स्थित बर्न कंपनी परिसर के भी सेप्टिक टैंक खुले हुए हैं। मनमोहन नगर अस्पताल की घटना के बाद यहां पर दहशत का माहौल है। परिसर निवासी आशा सोंधिया, रूबिना खान, सुनीता पटेल, ममता रावत, रीना कोल, नीमा लोधी, मुस्कान सोंधिया और गुड्डी केवट का कहना है कि जल्द ही खुले सेप्टिक टैंकों को बंद किया जाना चाहिए।
मेडिकल सर्वेन्ट क्वार्टर में कभी भी हो सकता है हादसा
मेडिकल सर्वेन्ट क्वार्टर परिसर का भी सेप्टिक टैंक खुला हुआ है। यहां पर दिन भर कर्मचारियों के बच्चे खेलते हैं। इसके बाद भी यहां के सेप्टिक टैंक को बंद नहीं किया जा रहा है।
नगर निगम ने खुले सेप्टिक टैंकों को बंद कराने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए एसओपी तैयार की जा रही है। सभी शासकीय और प्रायवेट संस्थानों को पत्र लिखा जा रहा है कि वे अपने-अपने परिसर के खुले सेप्टिक टैंक बंद कराएं।
- रामप्रकाश अहिरवार, निगमायुक्त
Created On :   29 Oct 2025 3:08 PM IST












