Jabalpur News: आदेश के बाद भी चेक नहीं हुए आकस्मिक निकासी गेट

आदेश के बाद भी चेक नहीं हुए आकस्मिक निकासी गेट
स्लीपर बसों में हादसों के बाद भोपाल से आए निर्देश, फिर भी न चेकिंग हुई और न ही कोई कार्रवाई

Jabalpur News: स्कूल, यात्री बस व लग्जरी बसों के आकस्मिक निकासी गेट ठीक तरह से काम कर रहे हैं या नहीं? इस बात की तफ्तीश करने की जवाबदारी प्रदेश के परिवहन आयुक्त ने आरटीओ को तकरीबन 14 दिन पहले सौंपी, लेकिन इतना वक्त बीतने के बाद भी न बसों की जांच नहीं हुई और न ही किसी तरह की कार्रवाई की गई।जैसलमेर व कुरनूल आंध्र प्रदेश में हुए हादसों के बाद भोपाल से इस तरह के आदेश जारी किए गए कि सभी बसों की जांच पड़ताल की जाए। बसों में अगर नियमों का पालन नहीं हो रहा है तो उनके संचालन पर तत्काल रोक लगाई जाए।

आदेश का पालन नहीं

परिवहन आयुक्त के आदेश का अभी तक कोई पालन नहीं हो सका है। यही वजह है कि बस संचालकों के हौसले बुलंद हैं। आरटीओ अपने ही मुखिया के आदेश का पालन कराने में असक्षम साबित हो रहा है और बस ऑपरेटर भी मनमानी पर उतारू हैं।

बस संख्या

एसी 125

डीलक्स नाॅन एसी 150

कुल बसों की संख्या

स्कूल में अनुबंधित 1000

यात्रियों के लिए 1500

15 साल पुरानी 500

अग्निशामक यंत्र चालू हैं या नहीं

परिवहन आयुक्त विवेक शर्मा ने प्रदेश के सभी उप परिवहन आयुक्त, आरटीओ, एआरटीओ को पत्र भेजकर ये निर्देश दिए हैं कि जो भी बसें संचालित हो रही हैं, उनकी माॅनिटरिंग टीम के साथ जाकर करें और जिन बसों में अग्निशामक यंत्र नहीं लगे हैं और लगे हैं तो वे चालू हालत में नही हैं, तो उन बसों का संचालन तुरंत रोक दें और बस ऑपरेटर पर नियमानुसार कार्रवाई करें।

ज्वलनशील पदार्थ का परिवहन न हो

जिलों से संचालित होने वाली बसों में किसी भी तरह के ज्वलनशील पदार्थ का परिवहन न हो इसका भी ध्यान रखा जाए। जिम्मेदार अधिकारी खुद ही मौके पर जाएं और लोकसेवा वाहनों को चेक करें।

Created On :   30 Oct 2025 6:11 PM IST

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