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Jabalpur News: आरटीओ के ऑनलाइन सिस्टम पर दलाल भारी

- निर्धारित फीस से चार गुना ज्यादा तक वसूली
- लाइसेंस बनवाने वाले युवा पहले ऑनलाइन प्रक्रिया को अपनाते हैं और फीस भी ऑनलाइन ही जमा करते हैं
Jabalpur News: आरटीओ में ऑनलाइन सिस्टम होने के बाद भी दलाली की शिकायतें आज भी रोजाना सुनाई पड़ रही हैं, जहां बिचौलिए या दलाल विभिन्न प्रक्रियाओं में सहायता के बदले पैसे मांगते हैं, जिससे प्रक्रिया में देरी या जटिलताओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। डिमांड पूरी होते ही लाइसेंस ऑनलाइन मेल पर आसानी से पहुंच रहा है। लाइसेंस बनवाने वालों का आरोप है कि ऑनलाइन सिस्टम में दलाली प्रथा आज भी भारी है।
चक्कर लगाने के बाद होती है सेटिंग
लाइसेंस बनवाने वाले युवा पहले ऑनलाइन प्रक्रिया को अपनाते हैं और फीस भी ऑनलाइन ही जमा करते हैं, उसके बाद भी उन्हें कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। जब तक दलालों से सेटिंंग नहीं हो जाती, तब तक उनका लाइसेंस नहीं बन पाता, जबकि नियम यह है कि टेस्ट के बाद लाइसेंस जारी कर दिया जाए, पर ऐसा आरटीओ कार्यालय में होता नहीं है।
लर्निंग लाइसेंस से होती है शुरुआत
18 वर्ष पूर्ण होते ही युवा लाइसेंस बनवाने के लिए ऑनलाइन सिस्टम का उपयोग तो करते हैं और 15 दिनों में मेल पर सबसे पहले लर्निंग लाइसेंस बनाकर भेजने का दावा भी आरटीओ के द्वारा किया जाता है पर ऐसा होता नहीं है। सबसे पहले युवा लर्निंग लाइसेंस के लिए जूझते नजर आते हैं और लर्निंग लाइसेंस की समय-सीमा पूर्ण होने के पहले उन्हें स्थाई लाइसेंस बनवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
ऑनलाइन जमा फीस के अलावा अतिरिक्त राशि किसी भी व्यक्ति के द्वारा ली जा रही है तो सीधे मेरे से लाइसेंस बनवाने वाले कर सकते हैं। अधिक राशि लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
- जितेन्द्र रघुवंशी,आरटीओ, जबलपुर
एक नजर में
लाइसेंस निर्धारित फीस
लर्निंग लाइसेंस 150 रुपए
लर्निंग टेस्ट के लिए 50 रुपए
स्थाई लाइसेंस के लिए 200 रुपए
महिलाओं के लिए नि:शुल्क
अतिरिक्त टैक्स अलग से भरना होगा।
सर्वर डाउन होने का बहाना
शिकायतकर्ताओं का यह भी आरोप है कि जब भी लाइसेंस बनवाने के पूर्व दिए जाने वाले टेस्ट के लिए जाते हैं तो यही होता है कि सर्वर डाउन है। घंटों रोका जाता है और जिनकी दलालों से बात हो जाती है, उनका बिना टेस्ट के ही लाइसेंस बन जाता है।
दलाल वसूलते हैं हजारों
परिवहन विभाग ने लाइसेंस फीस निर्धारित कर रखी है, पर उसके बाद भी दलाल मुंहमांगी फीस वसूल करते हैं। लाइसेंस फीस दलाल हजारों में लेते हैं और यह सब आरटीओ में पदस्थ अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है।
Created On :   26 Aug 2025 6:57 PM IST