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जबलपुर: गजकेसरी एवं सर्वार्थसिद्धि योग में होगा होलिका दहन
- 24 मार्च को जलेगी हाेली, 25 को मनाई जाएगी धुरेड़ी
- होलिका दहन के दिन होलाष्टक का समापन होगा।
- होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 10:35 से 11:39 के बीच है।
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। सनातन धर्म में होली का पर्व बहुत खास माना जाता है। हिंदू पंचांग के मुताबिक प्रत्येक वर्ष यह पर्व फागुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च को है, तो रंगों की होली यानी धुरेड़ी 25 मार्च को मनाई जाएगी।
ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इस वर्ष होली में कई अद्भुत संयोग का निर्माण भी होने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होली से 8 दिन पहले फागुन, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाता है और इन दिनों में शुभ कार्यों पर पाबंदी रहती है।
17 मार्च से इसकी शुरुआत हो चुकी है। होलिका दहन के दिन होलाष्टक का समापन होगा। पं. रोहित दुबे, आचार्य वासुदेव शास्त्री, पं. राजकुमार शर्मा शास्त्री के अनुसार इस साल होली दहन अत्यंत शुभ गजकेसरी योग, सर्वार्थसिद्धि योग में किया जाएगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गज मतलब हाथी, केसरी मतलब शेर है। हाथी और शेर का संबंध मतलब राजसी सुख से है। गज को गणेश जी का रूप माना जाता है। इस योग में व्यक्ति को फल उसकी राशि, नक्षत्र और गुरु की स्थिति के आधार पर मिलता है।
नकारात्मक ऊर्जा का दहन-
वैदिक पंडितों के अनुसार होलिका पूजा से पहले भगवान नृसिंह फिर प्रहलाद का ध्यान करना चाहिए। उन्हें चंदन, अक्षत और फूल सहित पूजन सामग्री चढ़ानी चाहिए। इसके बाद होली की पूजा कर पकवान चढ़ाएँ। इस दिन होलिका दहन जरूर देखना चाहिए, इससे मन की नकारात्मकता का भी दहन होता है, दैवीय शक्ति प्राप्त होती है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात्रि 10:35 से 11:39 के बीच है। प्रातः 9:30 बजे से रात 10:34 बजे तक भद्रा योग रहेगा, इस काल में होलिका दहन नहीं किया जाता है।
Created On :   20 March 2024 4:19 PM IST