Jabalpur News: जिस जगह पर लोग फेंकते थे कचरा, वहीं पर बना दिया सुंदर गार्डन

जिस जगह पर लोग फेंकते थे कचरा, वहीं पर बना दिया सुंदर गार्डन
  • 5 पेड़ों से शुरू हुआ सिलसिला, अब अंगड़ाई ले रहे 500 से ज्यादा
  • नागरिक नियमित करते हैं सफाई
  • फलदार वृक्षों के कारण इस गार्डन में सुंदर-सुंदर पक्षियों और तितलियों का डेरा रहता है।

Jabalpur News: सिविल लाइन पचपेढ़ी में रहने वाले कुछ उत्साही लोगों ने कुछ ऐसा कर दिखाया, जो सबके लिए मिसाल और प्रेरणादायक बन रहा है। लोहिया पुल से रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय मार्ग पर नाले के किनारे जहां क्षेत्रवासी कचरा डालते थे। वहां पर स्थानीय पार्षद की मदद से सुंदर गार्डन बना दिया गया।

फलदार वृक्षों का यह उद्यान अब पूरे इलाके के लिए ऑक्सीजन जोन का काम कर रहा है। उद्यान की सफाई और सुरक्षा की जवाबदारी भी आसपास के जागरूक नागरिक उठा रहे हैं। यहां सामान्य दिनों में तरह-तरह के पक्षियों का यहां डेरा रहता है, जिसकी वजह से पूरा क्षेत्र सुरभित हो उठता है।

परिंदों और तितलियों का बसेरा

क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि फलदार वृक्षों के कारण इस गार्डन में सुंदर-सुंदर पक्षियों और तितलियों का डेरा रहता है। अलग-अलग प्रजातियों के वृक्ष होस्ट प्लांट के रूप में तितलियों और पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पेड़-पौधे सूख न जाएं इसका ध्यान विशेष रूप से पार्षद और उनके सहयोगी रखते हैं। उद्यान की सुरक्षा के लिए सड़क एवं नाले के दोनों तरफ लोहे की जालियां लगाई गई हैं। निगरानी का काम भी आसपास रहने वाले लोग करते हैं।

और बन गया ऑक्सीजन जोन

नाले के किनारे करीब दो एकड़ जमीन को अतिक्रमणों से बचाने किया गया नवाचार जनहितकारी साबित हो रहा है। खास बात यह है कि बनाए गए इस नगरवन ने एक व्यवस्थित ऑक्सीजन जोन विकसित कर दिया है, जो लोगों के बीच चर्चा और प्रेरणा का विषय बना हुआ है। कोरोना महामारी के दौर में ऑक्सीजन का महत्व समझ चुके लोग इसे पर्यावरण हित में बेहतरीन प्रयास बता रहे हैं।

ऐसे हुई नेक कार्य की शुरुआत

क्षेत्रीय पार्षद श्याम कनौजिया ने बताया कि वर्ष 2021-22 में कोरोना काल में कचराघर को साफ कर 5 पौधों के रोपण के साथ सिलसिला शुरू किया गया था। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि के सहयोग से एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, यहां पर तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान सीएम मोहन यादव ने 5 पौधे रोपकर पौधारोपण का सिलसिला शुरू कराया था। आज यहां 500 से ज्यादा फलदार वृक्ष अंगड़ाई रहे हैं। इनमें आम, बिही, जामुन, अनार, चीकू, अंजीर, नींबू, नीम, सीताफल, आंवला, कठहल व करौंदा के पेड़ शामिल हैं।

Created On :   22 Sept 2025 4:10 PM IST

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