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Jabalpur News: मुख्य मार्गों से लेकर कॉलोनियों तक आवारा श्वानों की दहशत, बढ़े डॉग बाइट के मामले

Jabalpur News: शहर में आवारा श्वानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मुख्य मार्गों से लेकर कॉलोनियों तक इनकी दहशत है। हालात ये हैं कि हर रोज डॉग बाइट के 100 से ज्यादा केस जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर चिंता जाहिर करते हुए दिशा निर्देश जारी किए हैं। लोग इस बात से चिंतित हैं कि नगर निगम का अमला आवारा श्वानों के नियोजन की दिशा में ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक डॉग बाइट के केस रोजाना सामने आ रहे हैं।
गली-गली में स्ट्रीट डॉग्स की मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। शहर में नगर निगम की डॉग कैचर्स टीमें नाकाफी साबित हो रही हैं। वैक्सीनेशन और नसबंदी न होने से स्ट्रीट डॉग्स की आबादी बढ़ती जा रही है। नगर निगम से प्राप्त आंकड़ों पर भरोसा करें तो रोजाना 10 से 15 आवारा श्वानों का बधियाकरण निगम के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कराया जाता है।
इस कार्य पर 940 रुपए प्रति श्वान खर्च होता है। वर्ष 2011 से जारी इस कार्यक्रम में अभी तक साढ़े तीन करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। स्वच्छता विभाग की अधिकारी अंकिता बर्मन ने बताया कि श्वानों की आबादी पर लगाम लगाने के लिए नसबंदी का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए डॉग कैचर्स की 2 टीमें तैनात हैं। डॉग्स को विभिन्न क्षेत्रों से पकड़कर कंठौदा ले जाया जाता है और नसबंदी की जाती है।
ये कहा है कोर्ट ने
अधिवक्ता धीरज सिंह ने बताया कि डॉग बाइट की घटनाओं में खतरनाक वृद्धि को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, सार्वजनिक खेल परिसरों, बस अड्डों और डिपो, रेलवे स्टेशनों आदि में आवारा श्वानों के प्रवेश को रोकने के लिए उचित बाड़ लगाई जाए।
सवा लाख से ज्यादा है आवारा श्वानों की संख्या
शहर में आवारा श्वानों की संख्या सवा लाख से भी अधिक है। रोजाना एक सैकड़ा से ज्यादा लोग डॉग बाइट का शिकार बन रहे हैं। शासकीय सहित निजी अस्पतालों में रैबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए रोजाना सैकड़ों मरीज पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में ही हर माह 500 नए पीड़ित रैबीज के इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं।
अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. नवीन कोठारी ने बताया कि डॉग बाइट के मामले बढ़े हैं। 1 जनवरी से लेकर अब तक 6 हजार से अधिक डॉग बाइट के नए मरीज सामने आए हैं। इस वर्ष अब तक 20 हजार से अधिक रैबीज के इंजेक्शन लगाए जा चुके हैं। डॉग बाइट अथवा नाखून लगने की स्थिति में भी एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाना जरूरी है।
Created On :   8 Nov 2025 5:51 PM IST












