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Jabalpur News: मॉकड्रिल- एक-एक सांस को सहेजने का दिखाया हुनर

- 7.30 बजते ही लोगों ने घरों व दुकानों की बिजली बंद की, पुलिस ने सायरन बजाकर किया सचेत
- होटलों में लोगों ने खाना-पीना बंद करते हुए ब्लैक आउट का सम्मान किया।
- बुधवार की शाम शहर में ब्लैक आउट का अभ्यास किया गया।
Jabalpur News: 1971 के बाद लोगों ने युद्ध की स्थिति का सामना करने के लिए अपना हुनर दिखाया। चिकित्सक, फायर फाइटर, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम ने बचाव का पाठ पढ़ाया। हूबहू युद्ध जैसी स्थिति निर्मित की गई और उससे बचने और सतर्कता की सीख दी गई।
बचाव की रिहर्सल
पुलिस टीम ने खोजे बम और नहीं लगने दी मॉल में आग
युद्ध के समय उत्पन्न होने वाली आपात स्थितियों से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए बुधवार को सिविक सेंटर स्थित समदड़िया मॉल में मॉक ड्रिल की गई। कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देशन और एसपी संपत उपाध्याय की मौजूदगी में शाम 4 बजे से शुरू हुई उक्त मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य व बिजली विभाग एवं बम डिस्पोजल स्क्वाॅड आदि टीमों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान शॉपिंग मॉल में विस्फोट होेने का सीन क्रिएट कर घातक बमों को खोजने से लेकर घायल लोगों को बिना देर किए अस्पताल पहुंचाने और आग पर काबू पाने के अलावा कानून व्यवस्था को भी परखा गया। इसी मौके पर माता गुजरी महिला महाविद्यालय के प्रवेश द्वार पर अस्थाई चिकित्सा कैंप बनाकर वहां पर घायल लोगों को प्राथमिक इलाज मुहैया कराने की रिहर्सल भी की गई। इसके अलावा स्कूल व कॉलेजों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं ने मॉक ड्रिल में हिस्सा लेकर आपात स्थिति में पुलिस और जिला प्रशासन को सहयोग करने तथा पीड़ितों की मदद करने संबंधी संकल्प लिया।
लगातार की गई माॅनिटरिंग
बुधवार की शाम शहर में ब्लैक आउट का अभ्यास किया गया। इस दौरान कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय, नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रीति यादव, अपर कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समर वर्मा, आनंद कलादगी, एसडीएम गोरखपुर अनुराग सिंह, एसडीआरएफ, एनसीसी एवं सिविल डिफेंस के वॉलेंटियर्स सहित प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों ने तमाम गतिविधियों पर नजर रखी।
जनप्रतिनिधियों को दी गई जानकारी
कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट में नागरिक सुरक्षा के लिए आयोजित मॉकड्रिल के संबंध में जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मॉकड्रिल के उद्देश्य और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बैठक में महापौर जगत बहादुर सिंह, विधायक अशोक रोहाणी, डॉ. अभिलाष पांडे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती आशा मुकेश गोटिया, पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय, नगर निगम कमिश्नर श्रीमती प्रीति यादव, अपर कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह और एडिशनल एसपी आनंद कलादगी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
पेट्रोल पम्प से लेकर अस्पतालों तक अंधेरा
शाम को लोगों ने गजब की एकता का परिचय दिया। जैसे ही साढ़े सात बजे वैसे ही अंधियारा होने लगा। पेट्रोल पम्पों पर भीड़ हाेने के बाद भी संचालकों ने बिजली बंद की, अस्पतालों ने भी सहयोग किया और बाहर की बिजली बंद करते हुए अंदर कम रोशनी से काम चलाया गया। होटलों में लोगों ने खाना-पीना बंद करते हुए ब्लैक आउट का सम्मान किया।
पेंटीनाका का ट्रैफिक सिग्नल चलता रहा
सदर और सिविल लाइन में घनघोर अंधेरा रहा। सदर चौपाटी के सामने पुलिस ने वाहनों को रोक दिया था, जिससे सैकड़ों वाहन लाइन में खड़े हाे गए। सभी ने हैडलाइट बंद कर दी और शांति से 12 मिनट तक इंतजार किया। इस दौरान पेंटीनाका का ट्रैफिक सिग्नल जरूर पूरे समय चलता रहा जिससे लोगों ने आक्रोश भी जताया। सिविल लाइन में पुलिस थाने से लेकर दुकानों तक अंधेरा पसरा रहा।
सिविक सेंटर में अंधकार
यशहर के सबसे व्यस्त और व्यावसायिक एरिया सिविक सेंटर में शासन-प्रशासन की तरफ से जारी किए गए अलर्ट का पूरी तरह से पालन किया गया। व्यापारियों ने स्वयं ही अपने प्रतिष्ठानों की लाइट बंद रखी। व फुटपाथ पर लगने वाली खान-पान व अन्य सामग्री की दुकानों में भी बिजली पूरी तरह बंद रही। पुलिस टीम भी मार्चे पर नजर आईं।
मुस्लिम बहुल क्षेत्र में रहा ब्लैक आउट
ब्लैक आउट का असर मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी रहा। मौलाना अबुल कलाम आजाद वार्ड, मोती नाला, वरिया तले, चांदनी चौक, धड़गड़ मोहल्ला, नालबंद मोहल्ला, चार खंभा, मंडी मदार टेकरी, बहोरा बाग, रद्दी चौकी, अब्दुल हमीद चौक, रजा चौक, मक्का नगर, मछरहाई, फूटाताल, नया मोहल्ला, सदर, गढ़ा मुजावर मोहल्ला आदि क्षेत्रों में लोगों ने निर्धारित समय पर अपने घरों की लाइट बंद कर दी। इसके अलावा प्रतिष्ठानों की भी लाइट बंद रखी गई।
हम हर तरह से तैयार - 7.30 बजते ही लोगों ने घरों व दुकानों की बिजली बंद की, पुलिस ने सायरन बजाकर किया सचेत
देशभक्ति से सजी अंधियार की सिंदूरी शाम
पहलगाम हमले के बाद उठे आक्रोश के तूफान को वैसे तो देश के मिसाइल अटैक ऑपरेशन सिंदूर ने कम कर दिया था, लेकिन सावधानी बतौर बुधवार की शाम किए गए ब्लैक आउट में लोगों ने स्वेच्छा से अपनी सहभागिता दिखाई। ठीक 7 बजकर 30 मिनट पर सायरन की आवाज गूंजने लगी और मानो ऐसा लगा कि जैसे कोई बड़ी आपदा आ गई हो। वहीं स्ट्रीट लाइट बंद होने से सड़कों पर अंधेरा होने लगा।
इसी बीच मकानों की बिजली धड़ाधड़ बंद होती गईं, दुकानों में अंधेरा किया गया, सड़कों पर वाहन किनारे बंद करके खड़े किए गए। बहुत से ऐसे भी लोग थे जिन्हें ब्लैक आउट की जानकारी नहीं थी, लेकिन लोगों की समझाइश के बाद उन्होंने भी इसका पालन किया। अंधेरे के जरिए भी देशभक्ति जताई जा सकती है, इसका जीता-जागता उदाहरण बुधवार को नजर आया। बच्चों की भागीदारी देखते ही बनी।
प्रदेश में 16 मिनट में घट गई 581 मेगावाॅट की डिमांड
ब्लैक आउट मॉकड्रिल के दौरान बुधवार की शाम 7.26 से 7.42 बजे तक प्रदेश में बिजली की डिमांड में कमी आई। 16 मिनट के अंधेरे से 581 मेगावॉट बिजली की मांग कम हो गई। स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में शाम को 7.26 बजे 10711 मेगावॉट डिमांड थी, जो शाम 7.42 बजे घटकर 10130 मेगावाॅट पहुंच गई।
सिटी में 80-90 मेगावॉट बिजली की डिमांड कम हुई
सिटी सर्किल के एसई संजय अरोरा ने बताया कि जबलपुर शहर में गर्मी के सीजन के दौरान रोज शाम को 270 मेगावॉट के आसपास बिजली की डिमांड रहती है। लेकिन बुधवार की शाम 7.30 से 7.45 बजे तक शहर में बिजली की डिमांड 180 से 190 मेगावॉट के आसपास रही। इस प्रकार करीब 80-90 मेगावाॅट की डिमांड रोज की अपेक्षा कम रही।
Created On :   8 May 2025 6:07 PM IST