Jabalpur News: उपभोक्ताओं की शिकायतें कई, बिजली विभाग का होता है एक ही जवाब, स्मार्ट मीटर लगवाओ

उपभोक्ताओं की शिकायतें कई, बिजली विभाग का होता है एक ही जवाब, स्मार्ट मीटर लगवाओ
टारगेट पूरा करने के लिए कभी वॉट वृद्धि, तो कभी मीटर में स्टॉप डिफेक्टिव की आड़ ले रहा बिजली विभाग, मीटर वाचकों पर बनाया जा रहा दबाव

Jabalpur News: बिजली उपभोक्ताओं की बढ़े हुए बिलों के साथ कई तरह की परेशानियां होती हैं, जिसके संबंध में वे जब बिजली दफ्तर पहुंचते हैं तो अधिकारियों का एक ही जवाब होता है, स्मार्ट मीटर लगवाओ। एक तरफ पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ये साफ कर चुकी है कि हर उपभोक्ता को स्मार्ट मीटर लगवाना अनिवार्य है लेकिन बिजली विभाग की सप्लाई कोड की धारा 47.5 के मुताबिक स्मार्ट मीटर लगवाना हर उपभोक्ता की इच्छा पर निर्भर करता है, इसलिए जिन लोगों ने पुराने मीटर नहीं बदलवाए उन्हें तरह-तरह से परेशान करके स्मार्ट मीटर लगवाए जा रहे हैं। उपभोक्ता के पास कभी स्टॉप डिफेक्टिव मीटर बताकर अनाप-शनाप हजारों का बिल भेज दिया जाता है, तो कभी विद्युत भार में अचानक वृद्धि कर 2 से 3 किलो वॉट कर दिया जाता है। इतना ही नहीं सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर अतिरिक्त राशि वसूल की जाती है।

मीटर वाचकों पर दबाव

सूत्रों के अनुसार बिजली विभाग की राजस्व टीम को कंपनी ने ज्यादा से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगवाने का टारगेट दे रखा है, जिसको लेकर अलग-अलग एरियों के मीटर वाचकों को अधिकारियों ने स्पेशल टास्क दे रखा है कि पुराने मीटरों में स्टॉप डिफेक्टिव करो या वॉट बढ़ाओ, ताकि उपभोक्ता पर दबाव बनाकर स्मार्ट मीटर लगवाए जा सकें।

कुछ उपभोक्ताओं की शिकायतें रहती हैं लेकिन वाे भ्रमित रहते हैं। किसी भी गलत तरीके या दबाव का उपयोग विभाग द्वारा नहीं किया जाता। स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं की काफी समस्याएं दूर हुई हैं।

-संजय अरोरा, एसई सिटी सर्किल

फैक्ट फाइल

शहर में करीब 3 लाख 90 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का टारगेट।

अभी तक 2 लाख 45 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके।

सरकारी दफ्तरों व बंगलों में 43 हजार मीटर लगाए जा चुके हैं, इनमें से अधिकतर प्रीपेड भी हो चुके हैं।

बकायादारों को राहत देने बिजली कंपनी में समाधान योजना लागू मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने तीन माह और इससे ज्यादा समय से बकाया बिल को वसूलने के लिए समाधान योजना को लागू किया है। वितरण कंपनी का घरेलू, गैर घरेलू, औद्योगिक और कृषि उपभोक्ताओं पर बकाया बिल के साथ उस पर लगने वाला सरचार्ज ही करोड़ों रुपये बकाया हो चुका है। अब कंपनी राहत देकर मूल राशि वसूल करना चाहती है। बकायादारों को राहत पहुंचाने के लिए समाधान योजना 2025-26 लागू की है। एक नवंबर से चार माह की अवधि के लिए यह योजना दो चरण में लागू हो रही है।

Created On :   3 Nov 2025 7:18 PM IST

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