- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- जबलपुर
- /
- क्या दूसरे प्रदेश में जाकर बस जाने...
Jabalpur News: क्या दूसरे प्रदेश में जाकर बस जाने से किसी व्यक्ति की जाति बदल जाती है

Jabalpur News: मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि क्या दूसरे प्रदेश में बसने से किसी व्यक्ति की जाति बदल जाती है। दरअसल, हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर एक कर्मचारी के द्वारा गोंड जनजाति प्रमाण पत्र को अमान्य घोषित किए जाने को चुनौती दी गई है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने केन्द्र व राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जबलपुर निवासी विश्वनाथ साह का जन्म 1966 में जबलपुर में हुआ था। इसके पूर्व याचिकाकर्ता के माता-पिता बिहार के सिवान जिले से पलायन कर यहां आए थे। मजदूरी कर के अपने परिवार का पालन-पोषण करते थे। वर्ष 1981 में तत्कालीन कलेक्टर जबलपुर ने याचिकाकर्ता को उसके माता पिता की जाति के आधार पर गोंड जनजाति का प्रमाण पत्र जारी किया गया था।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह व परमानंद साहू ने बताया कि राज्य स्तरीय उच्च-शक्ति समीक्षा समिति ने 5 अगस्त, 2025 के अपने आदेश में केवल इस आधार पर उनके जनजाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया कि उनके पिता का जन्म बिहार में हुआ था।
याचिकाकर्ता का जन्म, शिक्षा और पूरा जीवन जबलपुर, मध्य प्रदेश में ही बीता है और उन्हें 1981 में ही जनजाति प्रमाण पत्र जारी किया गया था।
संविधान का है उल्लंघन
याचिका में अंतर-राज्यीय प्रवासियों के संबंध में जारी केंद्र और राज्य सरकार की उन अधिसूचनाओं और परिपत्रों की संवैधानिक वैधता को भी चुनौती दी गई है, जिनके अनुसार किसी अन्य राज्य में प्रवास करने वाले अनुसूचित जाति और जनजाति के व्यक्ति को मूल राज्य के स्थान पर प्रवासी राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं मिलता। दलील दी गई कि यह प्रावधान संविधान के अनुच्छेद 14, 16, 19(1)(ई) और 21 द्वारा प्रदत्त उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।
Created On :   19 Nov 2025 7:14 PM IST












