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Jabalpur News: सेफ्टी मैन्युअल की अनदेखी कर रहे अफसर गलतियों का ठीकरा भुगत रहा मैदानी स्टाफ

Jabalpur News: मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सेफ्टी मैन्युअल के अनुसार विद्युत कार्य के दौरान सुपरवाइजर अथवा अभियंता का कार्यस्थल पर उपस्थित रहना जरूरी है। हैरानी की बात ये है कि कंपनी के आला मैदानी अधिकारियों को भी सेफ्टी मैन्युअल के प्रावधानों की जानकारी नहीं है और वे कार्यस्थल पर अभियंता के उपस्थित रहने की अनिवार्यता से इनकार करते हैं।
जानकारी के अनुसार जबलपुर सिटी सर्किल में 200 फीडर हैं और सहायक अभियंता 15 और कनिष्ठ अभियंता 26 हैं। वहीं जबलपुर ग्रामीण सर्किल में 363 फीडर हैं और सहायक अभियंता 16 व कनिष्ठ अभियंता 22 हैं। ऐसे में एक अधिकारी पर औसतन 5 से 9 फीडर की जवाबदारी है। अधिकारियों की कमी और लाइनमैनों की पदोन्नति नहीं होने से कार्य के दौरान कार्यस्थल पर न तो अभियंता मौजूद रहते हैं और न ही सुपरवाइजर, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं और अनेक लाइनकर्मियों की मौत हो चुकी है।
वहीं दुर्घटनाओं के बाद गलतियों की जिम्मेदारी मैदानी स्टाफ पर थोप दी जाती है। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों पर आधारित मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के सेफ्टी मैन्युअल की कंडिका क्रमांक 6-2-1 में स्पष्ट लिखा है कि सभी सुपरवाइजर, अभियंता, प्रबंधक अथवा प्रभारी को तकनीकी रूप से किए जाने वाले कार्यों की जानकारी होनी आवश्यक है, उनको कार्य संबंधी नियम, विभाग द्वारा दिए गए निर्देश, आदेश इत्यादि की जानकारी होनी चाहिए। तकनीकी सुरक्षा के उपकरण का प्रयोग कार्य के दौरान किया जाए।
जिम्मेदार कनिष्ठ अभियंता झाड़ रहे पल्ला
नियम के अनुसार बिजली कंपनी के नियमित लाइनमैनों को पदोन्नत करके सुपरवाइजर बनाया जाता है, लेकिन बिजली कंपनी में नियमित कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है और जो बचे हैं उन्हें 1988 से पदोन्नति मिली ही नहीं, जिस कारण वर्तमान में कंपनी में सुपरवाइजर हैं ही नहीं। जिसके चलते कनिष्ठ अभियंता को ही ये जिम्मेदारी निभानी होती है, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं।
Created On :   19 Nov 2025 6:58 PM IST












