Jabalpur News: सरकार के नियम में पदोन्नति पर नहीं प्रोफेसर की नई नियुक्ति पर प्रतिबंध है

सरकार के नियम में पदोन्नति पर नहीं प्रोफेसर की नई नियुक्ति पर प्रतिबंध है
  • हाईकोर्ट ने कहा- 25 वर्ष से कार्य कर रहे असिस्टेंट प्रोफेसर को दो पदोन्नति
  • सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि उक्त नियम पदोन्नति के लिए नहीं, नई नियुक्तियों के संबंध में है।

Jabalpur News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक मामले में कहा कि सरकार का नियम में अशासकीय अनुदान प्राप्त संस्थाओं में प्रोफेसर की नई नियुक्ति पर प्रतिबंध है, पदोन्नति पर नहीं। इस मत के साथ जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने सरकार को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति का लाभ प्रदान करें। कोर्ट ने यह कार्रवाई 60 दिन के भीतर पूरी करने के निर्देश दिए।

जबलपुर निवासी डॉ. ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की ओर से अधिवक्ता एलसी पटने व अभय पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता पिछले 25 सालों से अनुदान प्राप्त अशासकीय जीएस कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर पदस्थ हैं। याचिकाकर्ता को सीनियर स्केल भी प्राप्त हो गया है लेकिन प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति नहीं दी जा रही है। इस कारण वे यूजीसी वेतनमान के तहत एजीपी पाने से वंचित हो रहे हैं।

इसके अलावा उनका प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य बनने का अवसर भी समाप्त हो जाएगा। वहीं शासन की ओर से दलील दी गई कि पूर्व में जारी परिपत्र के अनुसार सरकार अशासकीय अनुदान प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में रिक्त स्थानों को नहीं भरेगी।

इसी कारण याचिकाकर्ता का दावा निरस्त कर दिया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि उक्त नियम पदोन्नति के लिए नहीं, नई नियुक्तियों के संबंध में है। इसके अलावा पूर्व में भी शासन ने असिस्टेंट प्रोफेसर को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति दी है।

Created On :   27 Aug 2025 7:03 PM IST

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