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Jabalpur News: जगह तो मिल गई लेकिन अब विद्युत लोड की समस्या एमआरआई मशीन अटकी

Jabalpur News: मरीजों की सुविधा के लिए जिला अस्पताल विक्टोरिया में लगाई जा रही एमआरआई मशीन जरूरत के मुताबिक विद्युत लाेड न होने के चलते फिर अटक गई है। बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल में विद्युत लोड की सप्लाई, एमआरआई मशीन के संचालन के लिए पर्याप्त नहीं है। यह पहला मौका नहीं है जब किसी वजह से एमआरआई मशीन लगाए जाने की योजना खटाई में पड़ी है। इसके पहले गत वर्ष भी एमआरआई मशीन लगाने योजना बनाई गई, जगह चिन्हित हुई, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ।
इसके कुछ माह बाद दोबारा उसी कंपनी द्वारा नए सिरे से जगह चिन्हित कर कार्य शुरू किया गया। अब जबकि वह स्थान, जहां मशीन लगाई जानी है, उसे तैयार कर लिया गया है, विद्युत लोड ने मशीन के इंस्टाॅलेशन में नया पेंच फंसा दिया है। जिले में फिलहाल शासकीय स्तर पर केवल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में मरीजों को एमआरआई की सुविधा मिल रही है, वहीं जिला अस्पताल में एमआरआई सेंटर बनने के बाद मरीजों के सामने एक और विकल्प होगा।
180 किलोवॉट लोड की जरूरत
सिविल सर्जन डॉ. नवीन कोठारी ने बताया कि कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार मशीन चालू करने के लिए 180 किलोवाॅट लोड की आवश्यकता है, अस्पताल के पास अभी यह लोड स्वीकृत नहीं है। दरअसल मशीन निर्माण के साथ ही एक इलेक्ट्रिक मैगनेट सक्रिय हो जाता है, जिसे चालू रखने के लिए एक तय विद्युत लोड की आवश्यकता होती है। अगर जरूरत के मुताबिक लाेड उपलब्ध न हो तो मशीन शुरू नहीं होगी। संबंधित कंपनी द्वारा रिक्वायर्ड लोड के लिए प्रयास किया जा रहा है। पॉवर अरेंज होते ही 1 हफ्ते में मशीन इंस्टाॅल हो जाएगी।
इसी सप्ताह शुरू करने की थी योजना-
जानकारी के अनुसार एमआरआई मशीन इंस्टाॅलेशन के बाद शुरू करने की योजना इसी सप्ताह से थी, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए ऐसा संभव होता नहीं दिख रहा है। प्रबंधन का कहना है कि लोड अरेंज करने की जिम्मेदारी, कंपनी की है। इस संबंध में विद्युत विभाग से कंपनी को ही बात करनी होगी। उच्च अधिकारियों के माध्यम से समस्या का समाधान हो सकता है।
एमआरआई के लिए मेडिकल कॉलेज जाते थे मरीज-
जिला अस्पताल में एमआरआई सेंटर बनने के बाद मरीजों को नेताजी सुभाषचंद्र बाेस मेडिकल कॉलेज तक नहीं जाना पड़ेगा। ऐसे मरीज को निजी सेंटर का खर्च नहीं उठा सकते, उन्हें शहर के बीचों-बीच शासकीय स्तर पर एमआरआई की सुविधा मिलेगी। रांझी, मानेगांव, अधारताल जैसे क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। मेडिकल कॉलेज दूर होने के चलते मरीजों को परेशानी उठानी पड़ती थी।
Created On :   26 Nov 2025 3:58 PM IST












